जिस जुर्म में इस आदिवासी लड़की को किया गया अरेस्ट..उसे सुनकर छिड़ गई सोशल मीडिया पर बहस

रांची, झारखंड. आदिवासियों को सरकार के खिलाफ हिंसक आंदोलन के लिए उकसाने के आरोप में गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ता (STF) द्वारा गिरफ्तार बबिता कच्छप को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। बबिता पत्थलगढ़ी आंदोलन की लीडर हैं। इन पर झारखंड के आदिवासी बहुल्य गांवों में लोगों को संविधान के खिलाफ खड़ा करने का आरोप है। पत्थलगढ़ी आंदोलन का इतिहास खूनी रहा है। बता दें कि शुक्रवार को बबिता के अलावा दो भाइयों सामू और बिरसा औरेया को पकड़ा गया था। इनकी गिरफ्तारी पर गुजरात के भरुच जिले के झागड़िया से विधायक छोटू वसावा सवाल उठाए हैं। भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) के प्रमुख वसावा ने कहा कि किसी आदिवासी को नक्सली करार देना..उसे अपने अधिकारों की आवाज न उठाने देना है। हालांकि पुलिस बबिता को सशस्त्र आंदोलन पत्थलगढ़ी की मास्टरमाइंड मानती है। इसे पकड़ने के लिए लंबे समय से पुलिस लगी हुई थी। आगे बढ़ें बबीता और पत्थलगढ़ी आंदोलन की कहानी...
 

Asianet News Hindi | Published : Jul 27, 2020 10:34 AM IST

115
जिस जुर्म में इस आदिवासी लड़की को किया गया अरेस्ट..उसे सुनकर छिड़ गई सोशल मीडिया पर बहस

 बबीता रांची-खूंटी के आसपास के आदिवासी गांवों में पत्थलगढ़ी आंदोलन की बागडोर संभाले हुए थे। इसका एक खास साथी यूसूफ पूर्ति अभी फरार है। बबीता की गिरफ्तारी के बाद अब सिर्फ यूसूफ ही संगठन का बड़ा नेता बचा है। बता दें कि जनवरी में पश्चिम सिंहभूम के अति नक्सलप्रभावित गुदड़ी थाना के बुरुगुलीकेरा गांव में पत्थलगढ़ी समर्थकों ने यहां के उपमुखिया जेम्स बुढ सहित 7 लोगों को भरी पंचायत में मौत की सजा सुनाने के बाद बेरहमी से मार दिया था। पत्थलगढ़ी समर्थक नहीं चाहते थे कि गांववाले सरकार की किसी भी योजना का लाभ लें। नक्सलियों ने वोटर आइडी, आधार कार्ड और बाकी कागज छीन लिए थे। 

215

बबिता के समर्थन में भाजपा सांसद मनसुख वसावा भी उतरे हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय अलगाववाद या नक्सलवाद नहीं है। ये लोग विकास में विश्वास रखते हैं। छोटू वसावा (तस्वीर में दिखाई दे रहे) ने तो पत्थलगढ़ी आंदोलन के सही ठहराया है। जबकि जनवरी में इसी आंदोलन के तहत कई गांववालों को मार दिया गया था। 

315

झारखंड की खूंटी पुलिस लंबे समय से बबीता को पकड़ने में लगी थी, लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। इसके ऊपर विभिन्न थानों में कई जघन्य केस दर्ज हैं।

415

बबीता पर पत्थलगढ़ी आंदोलन के जरिये देशद्रोह सहित कई बड़े केस भी दर्ज हैं।

515

एक बार बबीता ने खूंटी जिले के भंडारा में एसपी सहित दर्जनों पुलिसवालों को बंधक बना लिया था।
 

615

इसने झारखंड के दिग्गज नेताओं में शुमार करिया मुंडा के आवास पर हमला बोलकर सिक्योरिटी गार्ड्स से हथियार लूट लिए थे।

715

बबीता आदिवासी गांवों में पत्थलगढ़ी आंदोलन के जरिये गांववालों को सरकार और संविधान के खिलाफ उकसाती थी। जो नहीं मानता था, उसे सजा देती थी।

815

खूंटी के एसपी आशुतोष शेखर ने बताया कि बबीता को यहां भी रिमांड पर लेने की कोशिश होगी।

915

झारखंड से शुरू हुए आदिवासियों के पत्थलगढ़ी आंदोलन ने छत्तीसगढ़ तक अपना विस्तार कर लिया है। बताते हैं कि आदिवासियों को जल-जंगल और जमीन पर अधिकार दिलाने पत्थलगढ़ी समर्थक गांववालों को संगठित कर रहे हैं। पत्थलगढ़ी समर्थक बैठकें आयोजित करके लोगों को अपने पक्ष में कर रहे हैं। 

1015

आदिवासियों में पत्थलगढ़ी एक पुरानी परंपरा है। इसमें गांववाले गांव की सरहद पर एक पत्थर गाढ़कर रखते हैं। इसमें अवांछित लोगों को गांव में घुसने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी लिखी होती है। हालांकि अब इन पत्थरों पर भारतीय संविधान की गलत व्याख्या करके गांववालों को उकसाया जा रहा है।

1115

अपनी मां के साथ बबीता कच्छप। बबीता सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रही है।
 

1215

अपने परिचितों के साथ बबीता कच्छप। बबीता सोशल मीडिया पर फोटो डालती रही है।

1315

बबीता कच्छप का पुश्तैनी घर।

1415

बबीता के साथ पकड़े गए दो नक्सली भाई सामू और बिरसा औरेया। 

1515

19 जनवरी में पत्थलगढ़ी आंदोलन का एक खूनी खेल सामने आया था। पश्चिम सिंहभूम जिले के अति नक्सल प्रभावित गुदड़ी थाना के बुरुगुलीकेरा गांव में पत्थलगढ़ी समर्थकों ने उपमुखिया जेम्स बुढ सहित 7 लोगों की हत्या कर दी थी।

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos