महिला विधायक ने ट्वीट कर आम जनता से कहा कि हमारी खेती-बारी, खेती से जुड़ी आजीविका, कृषि से जुड़ी है। संर्घष ही हम ग्रामीणों गांवों में रहनेवालों की पहचान है। जल, जंगल, जमीन ही हमारी शान है। मड़ुआ रोपने में हमें अपनी परंपरा का आभाष हुआ। ट्वीट में उन्होंने यह भी लिखा है, जो झारखंडियों के मुंह में हमेशा रहती है। गांव छोड़ब नहीं, जंगल छोड़ब नहीं,. माय-माटी छोड़ब नहीं, लड़ाय छोड़ब नहीं। इससे पहले उनकी एक तस्वीर सामने आई थी जिसमें वे सब्जी खरीदते नजर आईं।