रांची, झारखंड. कुछ लोगों की नासमझी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है। यह मामला रांची के हिंदीपीढ़ी इलाके का है। यहां एक मलेशियाई युवती पॉजिटिव मिली थी। अब इस युवक की मौत हो गई। हालांकि उसकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है। इसके बाद ही यह पता चलेगा कि युवक की मौत कोरोना से हुई है या वजह कुछ और है। लेकिन इस एरिया में लोगों की लापरवाही के कई मामले सामने आए हैं। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात के जलसे में शामिल हुए लोगों के झारखंड सहित तमाम राज्यों में पहुंचने से संक्रमण तेजी से फैला है। खतरे की बात यह है कि ये लोग प्रशासन का सहयोग नहीं कर रहे। वहीं, लोग भी उन्हें अपनी और दूसरों की जान खतरे में डालकर छुपने की जगह दे रहे हैं। जिस मोहल्ले में यह युवक रहता था, वहां कुछ समय पहले मलेशिया मूल की एक युवती कोरोना संक्रमित पाई गई थी। इस युवक में भी कोरोना जैसे लक्षण पाए गए। हालांकि रिपोर्ट का इंतजार है। युवक की 4 दिन पहले ही स्क्रीनिंग हुई थी। दो दिन पहले उसे हल्का बुखार हुआ। छाती में दर्द और सांस लेने की दिक्कत के बाद उसकी मौत हो गई। युवक गुरुनानक स्कूल में प्यून था। मंगलवार सुबह जब उसे सीने में दर्द उठा, तो परिजन गुरुनानक अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों ने उसे क्वारेंटाइन करने के लिए रिम्स ले जाने की सलाह दी। लेकिन परिजनों ने उनकी बात को नजरअंदाज किया और उसे सदर अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों ने चेकअप के बाद से घर भेज दिया। शाम 6.30 बजे उसकी मौत हो गई।