सरायकेला, झारखंड. देश में क्रिकेट को छोड़ दिया जाए, तो दूसरे अन्य खेलों की स्थिति कुछ खास नहीं है। इससे जुड़े खिलाड़ियों को अपनी जिंदगी चलाने काफी जद्दोजहद करनी पड़ी रही है। खेल की प्रैक्टिस के बीच घर के कामों में हाथ बंटाना पड़ रहा है। खासकर, ऐसे काम..जो सरकारी सुविधाओं का अभाव दिखाते हैं। जैसे पानी भरना, रोजगार के अभाव में दुकान चलाना। यह हैं नेशनल तीरंदाज अनिल लोहार। ये नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट हैं। इनके घर में पानी का कोई इंतजाम नहीं है। लिहाजा ये एक स्कूल के हैंडपंप से पानी भरकर लाते हैं। चूंकि इस समय स्कूल बंद है, इसलिए इन्हें स्कूल की दीवार फांदकर सीढ़ियों के सहारे आना-जाना पड़ रहा है। जानिए एक खिलाड़ी की व्यथा..