रांची, झारखंड. लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को उनके गांव-घर तक पहुंचाने की शुरुआत करने वाले सोनू सूद अब और भी तरीके से लोगों की मदद कर रहे हैं। सोनू सूद ने लोगों की मदद के लिए एक पूरी टीम गठित कर दी है। यह टीम गरीबों को रोजगार, घर, पढ़ाई-लिखाई से लेकर उनके इलाज तक में सहायता कर रही है। यह मामला रांची के चान्हो की रहने वाली 13 साल की सरिता उरांव से जुड़ा है। यह बच्ची पिछले 7 साल से भूलने की बीमारी डिमेंशिया से पीड़ित है। ऐसी स्थिति में इसके मां-बाप को दिल पर पत्थर रखकर रस्सी से बांधकर रखन पड़ रहा था। मीडिया और सोशल मीडिया के जरिये जब सोनू सूद को इस बच्ची के बारे में पता चला, तो हैरान रह गए। इस बारे में एक सोशल वर्कर अंकित राजगढ़िया ने सोनू सूद के ट्वीट किया था। सोनू सूद ने फौरन वीडियो कॉल के जरिये बच्ची की पूरी जानकारी मांगी। अब इसका इलाज रांची में होगा। सोनू सूद बच्ची के इलाज के साथ दवाओं आदि का भी खर्चा उठाएंगे। सोनू सूद ने अपनी टीम के सदस्य विशाल लांबा को इस काम में लगा दिया है। आगे पढ़ें इसी बच्ची के बारे में...