वुमेंस डे पर महिला विधायक को तोहफे में मिला घोड़ा, सवार होकर पहुंचीं विधानसभा..देखते रह गए मंत्री-अफसर

Published : Mar 08, 2021, 07:20 PM IST

रांची (झारखंड). 8 मार्च को पूरी दुनिया में वुमेंस डे मनाती है। इस दिन नारी शक्ति को सलाम करते हुए महिलाओं की उपलब्धियों को सेलिब्रेट किया जाता है। वहीं झारखंड की कांग्रेस महिला विधायक अंबा प्रसाद ने महिला दिवस के विशेष मौके पर अपना दिन खास बना लिया। वह घोड़े पर सवार होकर विधानसभा पहुंचीं। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि ये घोड़ा आज किसी ने तोहफे में दिया है। बता दें कि MLA अंबा अक्सर अपने अनोखे कामों के चलते चर्चा में बनी रहती हैं। इससे पहले वे विधानसभा में साइकिल चलाती हुई नजर आई थीं।  

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वुमेंस डे पर महिला विधायक को तोहफे में मिला घोड़ा, सवार होकर पहुंचीं विधानसभा..देखते रह गए मंत्री-अफसर


दरअसल, इन दिनों झारखंड सरकार का बजट सत्र चल रहा है। बड़कागांव से विधायक अंबा प्रसाद घोड़े पर सवार होकर विधानसभा पहुंचीं तो मंत्री से लेकर सभी अधिकारी हैरान रह गए। हालांकि उनको विधानसभा के प्रवेश द्वार पर सुरक्षाकर्मियों ने रोक लिया। विधायक के इस अंदाज को देखने के लिए आसपास की भीड़ जमा हो गई। 

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महिला विधायक से जब लोगों ने इस घोड़े के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उनको यह घोड़ा  अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कर्नल (सेवानिवृत्त) रवि राठौर ने उपहार में दिया है। जिस पर बैठ वह प्राउड फील कर रही हैं। इसलिए मैं इसी पर बैठकर घर से विधानसभा तक आई हूं। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार से अपील करेंगी कि ऐसी सुविधा महिलाओं के लिए हो सके और जो महिलाएं घुड़सवारी में रुचि रखती हैं, उन्हें इस तरह की स्पोर्ट्स मुहैया कराया जाए।
 

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बता दें कि अंबा हजारीबाग जिले की बड़कागांव विधानसभा सीट से 27 साल की अंबा ने चुनाव जीतकर 2019 में सबसे कम उम्र की विधायक बनने का इतिहास रचा है। जहां उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आजसू पार्टी के प्रत्याशी रोशनलाल चौधरी को 30,140 वोटो से हराया था।

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अंबा प्रसाद आईएएस बनना चाहती थीं जिसके लिए उन्होंने कोचिंग भी की है। साल 2014 में आईएएस की तैयारी करने के लिए अम्बा दिल्ली चली गई थीं। अम्बा ने कुछ महीने ही कोचिंग ली लेकिन उनके पिता पर लगे गंभीर राजनीतिक आरोपों के कारण उन्हें वापस लौटन पड़ा। यहीं से उनका राजनीतिक करियर शुरू हो गया।

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अंबा के पिता योगेंद्र प्रसाद साव वर्ष 2009 में विधायक का चुनाव जीते थे और 2013 में हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री बने थे। नक्सलियों से संबंध का खुलासा होने के बाद उन्हें 2014 में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद से एनटीपीसी प्रोजेक्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के कारण उनके पिता अभी तक जेल में हैं, और मां राज्य से बाहर हैं। 

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अंब चतरा, हजारीबाग और रामगढ़ जिले में विकास को लेकर होने वाली बैठकों में काग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व करती हैं। इसलिए राहुल गांधी खुद अंबा के लिए चुनाव में रैली करने आए थे।

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