Gupt Navratri Januray 2023: जनवरी 2023 में कब से कब तक मनाई जाएगी माघ मास की गुप्त नवरात्रि?

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, माघ मास में नवरात्रि (Gupt Navratri Januray 2023) का पर्व मनाया जाता है। इस नवरात्रि में तंत्र-मंत्र के माध्यम से देवी की पूजा की जाती है। बहुत कम लोग इस नवरात्रि के बारे में जानते हैं, इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। ये पर्व पौष मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक मनाया जाता है। इस गुप्त नवरात्रि में देवी की साधना कर गुप्त सिद्धियां प्राप्त की जाती है। आगे जानिए इस बार ये पर्व कब से कब तक मनाया जाएगा…
 

Manish Meharele | / Updated: Jan 03 2023, 07:00 AM IST
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Gupt Navratri Januray 2023: जनवरी 2023 में कब से कब तक मनाई जाएगी माघ मास की गुप्त नवरात्रि?

जनवरी 2023 में कब से शुरू होगी गुप्त नवरात्रि? (Gupt Navratri Januray 2023 Date)
धर्म ग्रंथों के अनुसार, माघ मास की गुप्त नवरात्रि शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक मनाई जाएगी। उसके अनुसार, इस बार ये तिथि 22 जनवरी, रविवार से 30 जनवरी, सोमवार तक रहेगी। इस दौरान तिलकुंद चतुर्थी, बसंत पंचमी, रथ सप्तमी, अचला सप्तमी और भीष्माष्टमी का पर्व भी मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ये विक्रम संवत्सर 2079 की अंतिम नवरात्रि रहेगी।
 

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गुप्त नवरात्रि के पहले दिन बनेगी शुक्र-शनि की युति
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस साल 22 जनवरी, रविवार से माघ गुप्त नवरात्रि आरंभ होगी। जनवरी को शुक्र ग्रह राशि बदलकर मकर से कुंभ में प्रवेश करेगा। इस राशि में पहले से ही शनि स्थित रहेगा। इस तरह कुंभ राशि में शुक्र और शनि की युति बनेगी, जो गुप्त नवरात्रि के दौरान बनी रहेगी। शुक्र और शनि दोनों मित्र ग्रह हैं। इन दोनों की युति शुभ फल देने वाली रहेगी।
 

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पूरे 9 दिन की रहेगी गुप्त नवरात्रि
इस बार माघ मास की गुप्त नवरात्रि पूरे 9 दिन की रहेगी। यानी न तो कोई तिथि क्षय होगी और न तिथि वृद्धि। आमतौर पर नवरात्रि में तिथि क्षय के कारण इसके दिन कम हो जाते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। ज्योतिषियों के अनुसार, ऐसा होना शुभ रहेगा और देश-दुनिया में खुशहाली बढ़ेगी, प्रजा के जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी।
 

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गुप्त नवरात्रि में होती है 10 महाविद्याओं की पूजा
गुप्त नवरात्रि में मुख्य रूप से 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। इनके नाम हैं काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वर, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला। देवी के इन रूपों की पूजा से कोर्ट में विजय, संतान सुख, मारण, उच्चाटन, मोहन, आकर्षण आदि कई लाभ होते हैं। राजनीतिक सफलता के लिए भी इस दौरान देवी की विशेष पूजा की जाती है।
 

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