अगर केरल के राजनीतिक इतिहास की बात करें, तो 1980 के बाद किसी भी राजनीतिक दल को दूसरी बार सरकार बनाने का मौका नहीं मिला। पिछले चुनाव में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) ने 71 सीटें हासिल की थीं। इस बार कांग्रेस नेतृत्व वाली यूडीएफ पूरी जोर आजमाइश कर रही है, ताकि 40 साल पुराना रिकॉर्ड न टूट पाए। समस्या यह है कि कांग्रेस वामपंथी सरकार की खुलकर बुराई भी नहीं कर सकती, क्योंकि कुछ राज्यों में उसका गठबंधन है। खैर नंबूदरीपाद के रोपे गए कम्युनिस्ट के पौधे का आगे क्या हाल होता है, यह वक्त बताएगा।
(अपनी फैमिली के साथ नंबूदरीपाद)