Karnataka Hijab verdict: कभी हिजाब ना पहनने पर मिली थी धमकी, आज आसमान की उड़ान भर रही ये कश्मीरी लड़की

लाइफस्टाइल डेस्क : कर्नाटक में हिजाब विवाद (Karnataka Hijab controversy) को लेकर पिछले 3 महीने से जारी विवाद में आज यानी 15 मार्च को कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। हाईकोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने साफ कहा कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है और स्कूल-कॉलेज में हिजाब पहनने की इजाजत देने से मना कर दिया। इस बीच आज हम आपको बताते हैं, एक ऐसी कश्मीरी लड़की की कहानी, जिसे कभी हिजाब नहीं पहनने पर धमकियां मिलती थी, लेकिन आज ये लड़की देश की यंगेस्ट महिला पायलट बनी हैं...

Asianet News Hindi | Published : Feb 25, 2022 5:23 AM IST / Updated: Mar 15 2022, 11:37 AM IST

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Karnataka Hijab verdict: कभी हिजाब ना पहनने पर मिली थी धमकी, आज आसमान की उड़ान भर रही ये कश्मीरी लड़की

ये है 26 वर्षीय आयशा अजीज (Ayesha Aziz), जो भारत की सबसे युवा महिला पायलट टाइटल अपने नाम कर चुकी हैं। लेकिन उनका पायलट बनने का सपना इतनी आसानी से पूरा नहीं हुआ।

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दरअसल, कश्मीरी होने के कारण उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। यहां तक कि कट्टरपंथियों ने बिना हिजाब उनके प्लेन उड़ाने का विरोध भी किया था और उन्हें और उनके घरवालों को धमकियां तक दी थी, लेकिन आयशा ने अपने पेरेंट्स के सपोर्ट से हर अड़चन को दूर किया।

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बता दें कि 15 साल की उम्र में साल 2011 में आयशा ने प्लेन उड़ाने का लाइसेंस पाकर रिकॉर्ड बनाया था। 2012 में वह रुस के सोकोल एयरबेस (Sokol airbase) गई और वहां MIG-29 जेट उड़ाने की ट्रेनिंग ली। इसके बाद उन्होंने Bombay Flying Club (BFC) से एविएशन में ग्रेजुएशन किया और 2017 में कमर्शियल पायलट का लाइसेंस हासिल किया।

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कश्मीरी महिलाओं को लेकर आयशा का बहुत पॉजिटिव अप्रोच है। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि, "मुझे लगता है कि कश्मीरी महिलाएं बहुत अच्छा कर रही हैं, खासकर शिक्षा के क्षेत्र में। कश्मीर में हर दूसरी महिला मास्टर्स या डॉक्टरेट कर रही है। घाटी के लोग बहुत अच्छा कर रहे हैं।"

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अपने काम के बारे में आयशा बताती हैं कि उनकी टाइमिंग का कोई भरोसा नहीं है। कभी रात की उड़ान तो कभी तड़के सुबह। लेकिन यही चैलेंज उन्हें पसंद है। वह कहती हैं कि "मैंने इस क्षेत्र को चुना क्योंकि मुझे बहुत कम उम्र से हवाई यात्रा करना पसंद है और मैं उड़ान से बहुत एक्साइटेड होती थी। यही कारण है कि मैं एक पायलट बनना चाहती थी। यह काफी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि यह सामान्य 9-5 डेस्क जॉब नहीं है। कोई निश्चित पैटर्न नहीं है और मुझे नई जगहों, विभिन्न प्रकार के मौसम का सामना करना और नए लोगों से मिलने के लिए लगातार तैयार रहना पड़ता है।"

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आयशा आज जिस मुकाम पर है, उसका क्रेडिट अपने पेरेंट्स को देती है। एक समय जब कट्टरपंथियों ने उनके हिजाब के बिना प्लेन उड़ाने का विरोध किया था, तो उनका परिवार ढाल बनकर उनके आगे खड़ा हुआ था। 
 

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बता दें कि आयशा ने नासा में भी ट्रेनिंग ली है। उनकी प्रेरणा सुनीता विलियम्स हैं, जिनसे उन्होंने नासा हेडक्वार्टर में मुलाकात की थी। आयशा आज सिर्फ कश्मीरी महिलाओं के लिए नहीं बल्कि पूरी देश के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। 

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