100 से ज्यादा पुलिसवाले और स्नीफर डॉग ढूंढ़ते रहे, फिर भी हो गई अनहोनी

भोपाल के कोलार थाना क्षेत्र के बैरागढ़ चीचली गांव से रविवार को गायब हुआ था तीन साल का वरुण मीणा। मंगलवार को पुलिस ने गांव में ही कई सालों से बंद पड़े मकान से बच्चे का जला हुआ शव बरामद किया। घटनावाले दिन बच्चे के घर से गुजरी एक कार बनी रहस्य।

Sushil Tiwari | Published : Jul 16, 2019 12:14 PM IST
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100 से ज्यादा पुलिसवाले और स्नीफर डॉग ढूंढ़ते रहे, फिर भी हो गई अनहोनी
पुलिस की नाकामी आई सामने: बच्चे का शव मिलने के बाद आईजी योगेश देशमुख के साथ ही भोपाल डीआईजी इरशाद वली मौके पर पहुंचे। घटनास्थल के बाहर पुलिसके कुछ पैरों के निशान भी मिले हैं। इस मामले में पुलिस की असफलता सामने आई है। हालांकि पुलिस इस बारे में कुछ भी कहने से बच रही है। इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट करके घटना को दु:खद बताया है। उन्होंने लिखा कि गायब मासूम बालक वरुण के प्रयासों के बावजूद सकुशल नहीं बच पाने की खबर बेहद दुखद,मन को द्रवित करने वाली है। आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा।
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यह है घटनाक्रम: रविवार शाम को 3 साल का वरुण घर के बाहर खेलते हुए चॉकलेट लेने गया था। तभी वो गायब हो गया था। उसके पिता विपिन ने किडनैप की आशंका जताई थी। मालूम चला कि घटना के वक्त एक क्रेटा कार चीचली गांव से कैरवा डैम की तरफ के लिए निकली थी। गाड़ी रास्ते के नाके को तोड़ते हुए वहां से गई थी।
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पुलिस की सर्चिंग रही बेकार: घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस बल ने केरवा डैम के जंगलों की सर्चिंग की। लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। बच्चे के पिता इलेक्ट्रिशियन हैं। दादा फॉरेस्ट में नौकरी करते हैं। उनका परिवार खेतीबाड़ी भी करता है।
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बच्चा उठाने वाले गिरोह की अफवाह: बच्चे के किडनैप के बाद अफवाह उड़ने लगी कि यहां बच्चों को उठाने वाला कोई गिरोह सक्रिय है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि बच्चे का किडनैप क्यों किया गया।
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