दरअसल, सांसारिक जीवन को त्याग कर संयम पथ पर चलने का फैसला करने वाले यह कारोबारी राकेश सुराना हैं, जो बालाघाट के एक सफल सराफा कारोबारी हैं। लेकिन अब उन्होंने सब-कुछ छोड़छाड़ अध्यात्म अपना लिया है। कारोबारी ही नहीं उनकी पत्नी लीना और 11 साल के बेटे ने भी साधु-साध्वी बनने का फैसला कर चुके हैं। यह परिवार 22 मई को जयपुर में दीक्षा लेने वाला है। दीक्षा ग्रहण करने के पहले राकेश सुराना, उनकी पत्नी लीना सुराना और बेटे अमय सुरानाको शहर के लोगों ने शोभायात्रा निकालकर विदाई दी।