बड़वानी, मध्य प्रदेश है. नागलवाड़ी शिखरधाम स्थित 700 साल पुराने भीलटदेव मंदिर में इस नागपंचमी पर सन्नाटा पसरा रहेगा। आमतौर पर नागपंचमी पर यहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं, लेकिन कोरोना ने इस बार यह सुअवसर छीन लिया है। किवदंती है कि बाबा भीलटदेव यहां नाग देवता बनकर रहते हैं। नागपंचमी पर लोग नाग देवता की पूजा अर्चना करने यहां पहुंचते रहे हैं। इस बार यहां मेला नहीं लगेगा। शुक्रवार से यहां 5 दिनों के लिए पट बंद कर दिए गए हैं। नागलवाड़ी शिखरधाम घने जंगल और एक विशाल पहाड़ी पर स्थित है। यह राजपुर तहसील में आता है। किवदंती है कि बाबा के दरबार में एक बार कोई किन्नर आया। उसने अपने लिए संतान मांग ली। बाबा ने उसे आशीर्वाद दिया। किन्नर गर्भवती हो गया था। लेकिन कोई बच्चे के जन्म के लिए वो शारीरिक तौर पर सक्षम नहीं था, लिहाजा बच्चे की गर्भ में ही मौत हो गई। इस किन्नर की यहां समाधि है। उसके बाद बाबा ने श्राप दिया कि कोई भी किन्नर नागलवाड़ी में नहीं रुकेगा। जानिए इस अद्भुत और रहस्यमयी जगह की कहानी...