CM बनते ही एक्शन में शिवराज, आधी रात को सबसे पहले लिया ये फैसला.. भोपाल-जबलपुर में लगाया कर्फ्यू
भोपाल. पद्रह महीने विपक्ष में रहने के बाद एक फिर शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्हें सोमवार रात 9 बजे राज्यपाल लालजी टंडन ने राजभवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। सीएम की कुर्सी संभालते ही चौहान ने सबसे पहले फैसला कोरोना वायरस से निपटने के लिए लिया। शनिवार रात 12 बजे प्रदेश के दो शहरों भोपाल और जबलपुर में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। सीएम ने मीडिया से बात करते हुए कहा- उनकी सबसे पहली प्राथमिकता कोरोना वायरस से मुकाबला, बाकी सब बाद में होगा।
Asianet News Hindi | Published : Mar 24, 2020 4:16 AM IST / Updated: Mar 24 2020, 02:51 PM IST
सीएम शिवराज सिंह ने आधीरात को अफसरों के साथ बैठक की। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए अपने प्रदेश की जनता से इस महामारी से निपटने के लिए जनता से सहयोग मांगा। उन्होंने कहा-अभी प्रदेश के कई जिलों में लॉकडाउन हुआ है, लेकिन उसके बावजूद भी लोग अपनी जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। अब जो भी बेवजह से अपने घरों से निकलेगा उसके खिलाफ प्रशासन सख्ती करेगा। सीएम ने कहा-यह सख्ती हम आपके लिए और आपके परिवार के लिए कर रहे हैं। इसलिए प्रदेश की साढ़े 7 करोड़ जनता से निवेदन है कि वह इसका पालन करें।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कर्फ्यू जरुर लग गया है। लेकिन आपकी जरूरतमंदों चीजों का ख्याल भी रखा गया है। इसके लिए सरकार खाने-पीने की आवश्यक सामग्री, सब्जी, दूध और दवाइयां आप तक कैसे पहंचे इसके लिए प्रशासन कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पद ग्रहण करने के 30 मिनट बाद ही कोरोनावायरस को लेकर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इसमें प्रदेश के सभी उच्च अधिकारी शामिल हुए। बैठक में शिवराज ने कोरोनावायरस पर चल रहे कामों की समीक्षा की। उन्होंने इस संकट से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश भी दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा- संक्रमण को रोकना ही इस समय हमारा एकमात्र लक्ष्य और उद्देश्य है।
शहरों को लॉकडाउन करने के बाद भी अगर कोई इसका पालन नहीं करेगा तो अब उस पर केस दर्ज होगा। उसके खिलाफ आईपीसी की धारा-188 के तहत अपराध माना जाएगा। इसके साथ ही 6 माह तक की जेल या एक हजार रुपए जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
पूरे भारत में कोरोना का कहर और इससे संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही। इसके चलते मध्य प्रदेश के 43 जिलों को लॉकडाउन कर दिया गया है। प्रशासन और राज्य सरकार ने इन जिलों की सारी सीमाएं सील कर दी हैं। प्रशासन ने इन जिलों को अलग-अलग समयावधि के लिए लॉकडाउन किया है।
प्रदेश में अबतक 75 कोरोना संदिग्धों की जांच की जा चुकी है। जिसमें से 48 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। बाकी की अभी आना बाकी है। वहीं भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने मीडिया से कोरोना पॉजिटिव की पहचान उजागर नहीं करने की अपील की है।
नरसिंहपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जिले को 21 मार्च रात 12 बजे से 3 अप्रैल तक लॉकडाउन किया है। जिले की सारी सीमाएं सील कर दी हैं। वहीं जिले में आने-जाने वाले लोगों पर पुलिस नजर रखे हुए है। वहीं ग्वालियर, भिंड, रीवा, कटनी, सीहोर, शाजापुर, आगर मालवा, शिवपुरी में 24 मार्च तक और शहडोल व अलीराजपुर को 23 मार्च तक लॉकडाउन किया है। वहीं जबलपुर, बैतूल और छिंदवाड़ा 26 मार्च तक लॉकडाउन कर दिया गया है।
नीमच कलेक्टर जितेंद्र सिंह राजे ने जिले में जनता कर्फ्यू बढ़ा 25 मार्च तक बढ़ा दिया है। इसके अलावा इंदौर भी 25 मार्च तक लॉकडाउन कर दिया गया है। इसके अलावा देवास, नीमच, सिंगरौली, गुना, रतलाम, मंडला, मंदसौर, बालाघाट, सिवनी, उज्जैन, श्योपुर, झाबुआ, विदिशा, दमोह, छतरपुर, अशोकनगर 26 मार्च तक जनता कर्फ्यू को बढ़ा दिया है।