कोरोना के डर से ना रिश्तेदार आए-ना हिंदू पड़ोसी, फिर मुस्लिमों ने उठाई अर्थी, बोले- 'राम नाम सत्य है'
इंदौर. लॉकडाउन चलते लोग अपने घरों से नहीं निकल पा रहे हैं। कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच कई भावुक कर देने वाली कहानियां निकल कर आ रही हैं। इसी बीच इंदौर में कर्फ्यू के बीच गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल देखने को मिली। जहां एक यहां हिंदू महिला के निधन होने पर उसके अंतिम संस्कार के लिए मुस्लिम पड़ोसी आगे आए।
Asianet News Hindi | Published : Apr 7, 2020 6:16 AM IST / Updated: Apr 07 2020, 01:18 PM IST
दरअसल, सोमवार को इंदौर शहर के साउथ तोड़े रानीपुरा इलाके में एक 65 वर्षीय दुर्गा नाम की हिंदू महिला का निधन हो गया था। कोरोना के डर के चलते परिवारवालों से लेकर पड़ोसियों तक कोई मृतका को कंधा देने नहीं आया। ऐसे में मुस्लिम पड़ोसी रहमान शेख, इमारान, शहबाज, राशिद, अकील, और मोहसिन ने महिला की हिन्दू रीति रिवाज से अंतिम यात्रा निकाली और शमशान घाट पहुंचकर अंतिम संस्कार किया।
पड़ोसियों ने बताया कि महिला के परिवार में कोई नहीं है। लंबे समय से महिला बीमार चल रही थी। महिला के अंतिम संस्कार को जब कोई नहीं ले गया तो आसपास के मुस्लिम युवा आगे आए।
मुस्लिम युवाओं ने अपने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था। वह बारी-बारी से अर्थी को कंधा दे रहे थे। जहां दो युवक एक मटके में आग लेकर चल रहे थे, तो वहीं कुछ लोग अर्थी के पीछे चल रहे थे।
जानकारी के मुताबिक, मृतका बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती थी। इसलिए मुस्लिम लोगों ने मुखाग्नि की लकड़ियां और अन्य सामान खुद चंदा करके बुलवाया।
सोशल मीडिया पर शवयात्रा का यह वीडियो वायरल हो रहा है। वहीं लोग फेसबुक पर इस तरह के कमेंट्स भी लिख रहे हैं। एक यूजर ने लिखा- कौन कहता है कि देश के लोगों के बीच एकता नहीं है, अगर इसकी मिसाल देखनी हो तो लोगों को इंदौर की यह खबर पढ़ लेना चाहिए।
ऐसा ही गंगा तहजीब का एक मामला कुछ दिन पहले यूपी के बुलंदशहर शहर देखने को मिला था। जहां यहां हिंदू शख्स की मौत होने पर उसके अंतिम संस्कार के लिए न सिर्फ मुस्लिम पड़ोसी आगे आए बल्कि हिंदू संस्कारों के अनुसार अंतिम संस्कार भी कराया। इतना ही नहीं उन्होंने शव यात्रा के दौरान सभी राम नाम का जप भी करते नजर आए।