कोरोना को हरा कर घर लौटी 100 साल की दादी, जानिए उनकी सेहत का राज..पोता बहू ने बताया खास डाइट प्लान

कोरोना ने पूरी दुनिया में अपना खौफ फैलाकर रखा है, लेकिन इससे डरने की जरूरत नहीं है। जागरूक होने के साथ ही सरकार के नियमों का पालन करेंगे तो आप इस महामारी को हरा देंगे। ऐसा ही कुछ कमाल कर दिखाया है मध्य प्रदेश की एक बुजुर्ग महिला ने, जिन्होंने 100 साल की उम्र में कोरोना के खिलाफ जंग जीत ली है। बता दें कि वह 10 मई को अरबिंदो हॉस्पिटल में एटमिट हुईं थीं।

Asianet News Hindi | Published : May 23, 2020 3:05 AM IST / Updated: May 23 2020, 10:32 AM IST
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कोरोना को हरा कर घर लौटी 100 साल की दादी, जानिए उनकी सेहत का राज..पोता बहू ने बताया खास डाइट प्लान

पड़ोसियों ने तालियां बजाकर किया वेलकम: दरअसल, इस उम्र में कोरोना को हराने वाली बुजुर्ग महिला इंदौर की चंदाबाई परमार हैं। जिनको 11 दिन चले इलाज के बाद उनकी कोविड-19 की तीसरी रिपोर्ट नेगेटिव आने पर शहर के अरबिंदो अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। जब वह अपने घर लौटी तो परिवारवालों और पड़ोसियों ने ताली और थाली बजाकर उनका स्वागत किया। 

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15 दिन पहले वृद्धा के 70 वर्षीय बेटे की हुई थी मौत: चंदाबाई की पोता बहू दीपा ने बताया कि वृद्धा के 70 वर्षीय बेटे की 4 मई को मौत हो गई थी। उन्हें बुखार और सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण थे। कोरोना जांच के लिए उनका नमूना लिया जाता, उससे पहले अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। दीपा ने बताया, "उनकी मौत के बाद हमें संदेह हुआ और हमने खुद आगे बढ़कर सरकारी अधिकारियों से संपर्क करते हुए अपने परिवार की कोविड-19 की जांच करायी। जांच में हमारे परिवार के 6 लोग कोरोना से पॉजिटिव मिले थे, जिनमें हमारी यह दादी भी शामिल हैं।
 

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48 घंटे आईसीयू में रहीं भर्ती: बुजुर्ग चंदाबाई का इलाज करने वाले डॉ. रवि डोसी बताते हैं कि वह 48 घंटे तक आईसीयू में रहीं हैं। उन्हें इम्युनिटी बढ़ाने के लिए विटामिन सी, विटामिन डी, जिंक, कैल्शियम, गर्म पानी, प्रोटीनयुक्त खाना, हॉर्लिक्स मिलाकर दूध दिया गया है।
 

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मलाई वाला दूध पीती और खाती बादाम का हलवा: वहीं चंदाबाई की पोता बहू ने बताया कि  हमारी परदादी रोज रात को घी डालकर मलाई वाला दूध पीती हैं। उन्हें बादाम व रवे का हलवा भी खूब पसंद है।  वह सुबह 8 बजे तक उठ जाती हैं, 2 से 3 बार चाय पीती हैं। दिन में दो बार योगा, अनुलोम विलोम करती हैं। दादी दोपहर में दाल-चावल और रात में रोटी-सब्जी खाती हैं। शायद यही कारण है कि इस उम्र में उन्होंने कोरोना को हरा दिया। 

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