बेटी शब्दों में भी बयां नहीं कर पाई एक 'मां' के जाने का दुख

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन से पूरा देश सदमे में है। वे एक ऐसी राजनेता थीं, जो एक बार किसी से मिल लें, तो वो उनकी सौम्यता, प्यार और मिलनसारिता का कायल हो जाता था। लेकिन इस लड़की के लिए सुषमा उसकी दूसरी मां थीं। सुषमा स्वराज के कारण ही इसे एक नई जिंदगी मिली थी। सुषमा के निधन की खबर सुनकर यह लड़की कुछ भी बोलने की हालत में नहीं है। सिर्फ रोए जा रही है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 7, 2019 8:26 AM IST
15
बेटी शब्दों में भी बयां नहीं कर पाई एक 'मां' के जाने का दुख
इंदौर. यह है गीता। मूक-बधिर गीता चार साल पहले पाकिस्तान से भारत लौटी है। उसे स्वदेश लाने में विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा स्वराज ने जी-जान लगा दी थी। सुषमा स्वराज को गीता अपनी मां की तरह मानती थी। सुषमा स्वराज के निधन की खबर सुनकर गीता सदमे में है। वो बोल-सुन नहीं सकती, इसलिए इशारों-इशारों में अपना दुख बयां कर रही है। सुषमा स्वराज को याद करते हुए वो लगातार रोए जा रही है।
25
तत्कालीन विदेश मंत्री ने 20 नवंबर, 2015 को इंदौर में मीडिया से चर्चा करते हुए गीता को हिंदुस्तान की बेटी बताया था। सुषमा ने कहा था कि गीता के परिजन भले न मिलें, लेकिन गीता अब हिंदुस्तान में ही रहेगी। उसकी देखरेख का जिम्मा भारत सरकार उठाएगी।
35
बुधवार सुबह दी गई निधन की खबर: गीता इंदौर स्थित दिव्यांगों के लिए चलाई जा रही गैर सरकारी संस्था 'मूक-बधिर संगठन' के छात्रावास में रह रही है। बुधवार सुबह जब उसे सुषमा स्वराज के निधन की खबर दी गई, तो वो फूट-फूटकर रो पड़ी। इशारों में उसने कहा कि उसकी मां चली गई। उल्लेखनीय है कि गीता को सुषमा स्वराज के प्रयासों से ही 26 अक्टूबर 2015 को पाकिस्तान से भारत लाया गया था।
45
बेहद दुखी है गीता: छात्रावास के वॉर्डन संदीप पंडित बताते हैं के सुषमाजी के निधन की खबर सुनकर गीता खूब रोई। उसे यह बुरी खबर बुधवार सुबह दी गई। गीता की दिल्ली और इंदौर में सुषमा से कई बार मुलाकात हुई। हर बार सुषमाजी गीता से यूं मिलीं, जैसे वो उनकी बेटी हो। सुषमाजी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये भी गीता से बात करती रहती थीं। गीता के परिजनों की अब तक खोज जारी है। हालांकि 10 से ज्यादा परिवार गीता को अपनी बेटी होने का दावा कर चुके हैं।
55
गलती से पाकिस्तान चली गई थी गीता: गीता जब 8 साल की थी, तब गलती से पाकिस्तान चली गई थी। करीब 20 साल पहले पाकिस्तानी रेंजर ने उसे लाहौर रेलवे स्टेशन पर समझौता एक्सप्रेस में अकेले बैठे पाया था। भारत लौटने से पहले उसे कराची के परमार्थ संगठन 'ईदी फाउंडेशन' में रखा गया था। 26 अक्टूबर, 2016 को गीता दिल्ली पहुंची थी।
Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos