MP पुलिस की बर्बरता दिखातीं तस्वीरें.. जहर खाकर पड़े मां-बाप को देखकर बिलख रहे थे बच्चे, अफसर बोले-नाटक

गुना, मध्य प्रदेश. ये तस्वीरें मध्य प्रदेश पुलिस की बर्बरता को दिखाती हैं। सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने पहुंचे प्रशासनिक अमले ने अमानवीयता की सारी हदें पार करके एक किसान परिवार को सार्वजनिक तौर पर इतना प्रताड़ित किया कि उसने सबके सामने जहर पी लिया। इसके बावजूद प्रशासनिक अमल दूर खड़े-खड़े मुस्कराता रहा। अफसर इसे नाटक बताते रहे। लेकिन जब मां-बाप को बेहोश देखकर मासूम बच्चे बिलखने लगे..तो अफसरों को होश आया और आनन-फानन दम्पती को अस्पताल पहुंचाया गया। इस मामले में प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आई है। जिस जमीन से कब्जा हटाने प्रशासन पहुंचा था, वहां साइंस कॉलेज बनना है। इस पर किसी ने कब्जा कर रखा है। इस किसान दम्पती को यह जमीन उसने बटिया पर जोतने दे रखा है। किसान दम्पती को इसके बारे में नहीं पता था। उसने खेत में फसल उगा रखी थी। वो मोहलत चाहता था, लेकिन अफसरों ने उसकी एक न सुनी। जानिए पूरा मामला...

Asianet News Hindi | Published : Jul 15, 2020 5:02 AM IST
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MP पुलिस की बर्बरता दिखातीं तस्वीरें.. जहर खाकर पड़े मां-बाप को देखकर बिलख रहे थे बच्चे, अफसर बोले-नाटक

घटना मंगलवार दोपहर करीब 2.30 बजे गुना जिले के चगनपुर चक गांव में हुई। इस जमीन को साइंस कॉलेज के लिए आवंटित किया गया है। लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते उस पर लंबे समय से गप्पू पारदी नामक शख्स ने कब्जा कर रखा है। इस शख्स ने यह जमीन अभी राजकुमार अहिरवार को बटिया पर जोतने दे रखी है। राजकुमार को इसकी भनक नहीं थी कि जमीन को लेकर विवाद है। उसे कर्ज लेकर इस पर फसल बो दी थी। अतिक्रमण हटाने पहुंचे अमले के सामने किसान दम्पती हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन प्रशासन फसल उजाड़ने पर उतारू था। 

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पुलिस ने जमीन से कब्जा हटाने राजकुमार और उसकी पत्नी सावित्री को डंडे और लातें मारीं। इससे दु:खी होकर दम्पती ने सबके सामने जहर पी लिया। यह देखकर भी प्रशासनिक अमला दूर खड़ा रहा। वे इसे नाटक बताते रहे।

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हंगामे की जानकारी लगने पर राजकुमार का छोटा भाई वहां पहुंचा। पुलिस ने उसे भी पीटा। मामला तूल पकड़ने पर पुलिस सफाई देने लगी कि ये लोग सरकारी काम में रोड़ा बन रहे थे।
 

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गांववालों का कहना है कि इस मामले में प्रशासनिक अमले ने घोर लापरवाही बरती। जब उसे मालूम होता है कि इन परिस्थितियों में हालात बिगड़ते हैं, तो उसने पहले घर की तलाशी लेकर कीटनाशक आदि अपने कब्जे में क्यों नहीं लिए।

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तहसीलदार निर्मल राठौर ने तर्क दिया कि किसान परिवार पुलिस से झूमाझटकी कर रहा था, इसलिए सख्ती दिखानी पड़ी।

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वहीं, कैंट टीआई योगेंद्र जादव ने मारपीट की घटना काे ही नकार दिया। लेकिन जब घटना का वीडियो वायरल हुआ, तो उन्होंने चुप्पी साध ली।

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बता दें यहां आदर्श महाविद्यालय बनना है। लेकिन यह प्रोजेक्ट 2 महीने से अटका है। अब इस मामले को लेकर कलेक्टर एस. विश्वनाथन ने जांच के आदेश दिए गए हैं।
 

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इस जमीन से 8 महीने पहले भी कब्जा हटाया गया था। लेकिन ठेकेदार ने तार फेंसिंग आदि का इंतजाम नहीं किया। न ही दुबारा जमीन को देखने की जरूरत समझी।
 

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राजकुमार के परिजनों ने बताया कि उसने 2 लाख रुपए का कर्ज लेकर फसल बोई थी। वो कुछ दिनों की मोहलत चाहता था।

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जहर पीने के बाद बेसुध पड़ी मां से चिपटकर रोते मासूम।

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पुलिस ने इस तरह महिलाओं को भी पीटा।

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