यहां बारिश का ऐसा कहर कि पूरी रात छतों पर चढ़े रहे 1 हजार लोग, सड़कों पर चल रहीं नाव
आगर (मध्य प्रदेश). पिछले 10 दिनों से मध्य प्रदेश में जारी भारी बारिश की वजह से लोगों में हाहाकार मचा हुआ है। प्रदेश के सभी नदी नाले खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं। रहवासी इलाके में पानी भर गया है। पूरी तरह से लोगों का जीवन अस्तव्यस्त हो गया है। वहीं शुक्रवार देररात से शनिवार तक हुई मूसलाधार बारिश ने आगर जिले के सोयतकलां में तबाही मचा दी। यहां लोगों के घरों में पानी भर गया है। हालात ऐसे थे की करीब 1000 लोगों छत पर चढ़कर पूरी रात गुजारनी पड़ी। यहां कंठाल नदी ने अपना ऐसा रौद्र रूप दिखाया कि सोयतकलां के आधे हिस्से को डूबो दिया।
Asianet News Hindi | Published : Sep 15, 2019 6:31 AM IST / Updated: Sep 15 2019, 12:04 PM IST
सोयतकलां की सभी सड़कों पर 15 से 17 फीट पानी भर गया। लोग एक जगह से दूसर जगह जाने के लिए नाव का उपयोग कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक नदी का बहाव इतना तेज था कि करीब 10 से ज्यादा गांवों की फसलों को पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। किसानों की फसलों और व्यपारियों की दुकानों को मिलाकर करीब 25 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान बताया जा रहा है।
आगर की ओर जानें वाले सभी रास्ते पूरी तरह से पिछते दो दिनों से बदं हैं। इंदौर से उज्जैन-आगर के बीच जाने वाला स्टेट हाईवे भी शुक्रवार बार 10 बजे से शनिवार 4 बजे तक बंद रहा। आगर के कलेक्टर संजय कुमार, एसपी सविता सहाने सहित जिले के कई अधिकारी घटनास्थल पहंचे।
पूरे मालवा निमाड़ में मूसलाधार बारिश जारी है। यहां मंदसौर में भगवान पशुपतिनाथ पूरी तरह से डूब गया है। उज्जैन में रामघाट से लेकर कई मंदिर जलमग्न हैं। खंडवा में नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर होने की वजह से यहां का मोरटक्का पुल पिछले दिन से बंद है। नर्मदा के हालात ऐसे हैं कि बड़वाह में नर्मदा 164 मीटर पर बह रही है। मौसम विभाग ने मालवा-निमाड़ के धार, अलीराजपुर, देवास, बड़वानी जिलों में शनिवार को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।