Published : Jun 17, 2020, 02:43 PM ISTUpdated : Jun 29, 2020, 08:13 PM IST
भोपाल, मध्य प्रदेश. लद्दाख की गालवन घाटी में चीनी सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए रीवा जिले के रहने वाले दीपक महज 21 साल के थे। 8 महीने पहले ही उनकी शादी हुई थी। होली पर जब वो घर आए थे, तब अपनी दुल्हन से वादा करके गए थे कि जल्द फिर मुलाकात होगी। लेकिन अब तिरंगे में लिपटा उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचेगा। गुरुवार को उनका पार्थिव शरीर लेह से रीवा और फिर वहां से उनके मनगवां इलाके के गांव फरेहदा लाया जाएगा। बता दें कि 'हिंदी-चीनी भाई-भाई' की मर्यादा और रिश्तों को भुलाकर चीनी सैनिकों ने लद्दाख बॉर्डर पर जो खूनी खेल रचा..वो बेहद शर्मनाक है। चीनी सैनिकों की कायरतापूर्ण हरकतों का जवाब देते हुए भारतीय सेना ने अपने 20 जवान खो दिए। इसमें 40 से ज्यादा चीनी सैनिकों की मौत की भी खबर है। जानिए एक बहादुर शहीद की कहानी..
दीपक की शादी नवंबर, 2019 में हुई थी। वे अंतिम बार होली पर घर आए थे। उनक शहादत की खबर सुनकर पत्नी के आंसू नहीं रुक रहे।
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दीपक के पिता गजराज सिंह ने बताया कि दीपक का बड़ा भाई प्रकाश सिंह भी सेना में है। उसी से प्रेरित होकर दीपक ने आर्मी ज्वाइन की थी। पिता की आंखों में आंसू थे, लेकिन यह भी कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है।
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दीपक के शहीद होने की सूचना बिहार रेजीमेंट ने एसपी रीवा को दी। इसके बाद पुलिस कंट्रोल रूम के जरिये इसकी खबर दीपक के घरवालों को दी गई। (अपने साथी के साथ दीपक)
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दीपक ने 15 दिन पहले ही घरवालों से फोन पर बात की थी। उन्होंने पत्नी से कहा था कि जब वे घर आएंगे, तो उसके लिए कश्मीरी शाल एवं कुछ गहने लाएंगे। (अपने अधिकारी के साथ दीपक)
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहीद दीपक की शहादत को याद करते हुए एक ट्वीट किया। इसमें लिखा कि तूने सींचा है अपने लहू से वतन की मिट्टी को, वीरों की इस मिट्टी पर हम अभिमान करते हैं। ऐ मेरे वतन के शेर तेरे जाने से चीत्कार रहा दिल, तेरे लहू के हर कतरे, तेरी शहादत को सलाम करते हैं।
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