इंदौर, मध्य प्रदेश. इस मुस्कराती तस्वीर के पीछे गहरा दर्द छुपा हुआ है। यह कपल हमेशा के लिए बिछुड़ गया। अगर सही समय पर कोई 'भगवान' अपना फर्ज निभा लेता, तो शायद इस शख्स की जान बच सकती थी। यह मामला मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की असलियत दिखाता है। अपने पति की जान बचाने पत्नी शहर के 4 बड़े अस्पतालों में दौड़ती रही, लेकिन कोरोना संक्रमण की आशंका के डर से किसी ने भर्ती नहीं किया। आखिर में उसे कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व हॉस्पिटल लेकर जाना पड़ा। हालांकि पति को बचाया नहीं जा सका। उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। 40 वर्षीय फिजियोथेरेपिस्ट भावेश टोपीवाला को18 जून को सीने में तेज दर्द और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उनकी पत्नी तुरंत एक निजी हास्पिटल लेकर गईं। लेकिन डॉक्टरों ने भर्ती करने से मना कर दिया। इस तरह वे एक से दूसरे अस्पताल तक भटकती रहीं। किसी भी ग्रीन जोन के अस्पताल ने भावेश को एडमिट नहीं किया। आखिरकार उन्हें अरबिंदो अस्पताल ले जाना पड़ा। यह कोविड-19 के लिए रिजर्व है।