बाइक से चलती हैं शिवराज सरकार में मंत्री बनी ये महिला, विधानसभा में ले जाती हैं कटार, नहीं की शादी..

Published : Jul 02, 2020, 12:30 PM ISTUpdated : Jul 02, 2020, 05:29 PM IST

भोपाल. आखिरकार मध्य प्रदेश सरकार बनने के 100 दिन बीतने के बाद शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का गुरुवार को विस्तार हो गया। इसमें 20 कैबिनेट और 8 राज्यमंत्रि पद की शपथ ली। मंत्रिमंडल में पहली बार कई नए चेहरों को भी शामिल किया गया है। इस विस्तार में ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया खेमे से 9 और कांग्रेस से भाजपा में आए 3 और भारतीय जनता पार्टी के 16 विधायकों को मंत्री बनाया गया। इनमें से एक नाम विधायक उषा ठाकुर का है, जो पहली बार मंत्री बनी हैं। बता दें कि ठाकुर अपने अलग अंदाज के लिए जानी जाती हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में...  

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बाइक से चलती हैं शिवराज सरकार में मंत्री बनी ये महिला, विधानसभा में ले जाती हैं कटार, नहीं की शादी..

दरअसल, पहली बार विधायक से मंत्री बनी उषा ठाकुर मही से विधनासभा चुनाव जीती हैं। उनकी पहचान राष्ट्रवादी  के तौर पर होती है। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता उनको 'दीदी' कहकर बुलाते हैं।
 

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बता दें कि मंत्री उषा ठाकुर कई मौके पर अपनी पुरानी 'कावास्की' बाइक से चलती हैं। वह 20 साल पुरानी एक कटार साथ लेकर चलती हैं, यह कटार उनको शहीद भगतसिंह के परिवार वालों ने उपहार में दी थी। वह सत्र के दौरान भी कटार लेकर ही विधानसभा जाती हैं।

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उषा ठाकुर का आरएसएस संघ से पुराना नाता रहा है। वो इंदौर शाखा में बौद्धिक प्रमुख भी रह चुकी हैं। इतना ही नहीं, वह भाजपा की उपाध्यक्ष और सांस्कृतिक प्रकोष्ठ की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। 

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उषा ठाकुर दुर्गा वाहिनी की सक्रिय सदस्य रह चुकी हैं।
 

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उषा ठाकुर ने पढ़ाई में इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएट और एमफिल किया हुआ है। बता दें कि उन्होंने शादी नहीं की है, उन्होंने एक कार्यक्रम में बताया था कि मेरे परिवार का कोई सदस्य धर्म और देश के लिए अपना जीवन लगाए। इसलिए मैंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र के लिए दे रखा है।

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उषा ठाकुर के माता-पिता अंग्रेजी के शिक्षक रहे हैं। रिटायरमेंट के बाद पिता ने गौशाला शुरू की है, जिसको लोग ओल्ड एज होम कहते हैं। उनके पांच भाई-बहन और हैं।

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वह 2003 में इंदौर-1 क्षेत्र से और 2013 में दूसरी बार इंदौर-3 सीट से विधानसभा का चुनाव जीता था। इसके बाद 2018 इंदौर से बाहर निकलकर महूं से चुनाव लड़ने के लिए पहुंची थीं। यहां भी उन्होंने अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा।

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