जज की 10 साल पुरानी NGO वाली गर्लफ्रेंड के बीच आड़े आई जब पत्नी..सामने आई खौफनाक मर्डर मिस्ट्री

भोपाल, मध्य प्रदेश. बैतूल के अपर सत्र न्यायाधीश (ADJ) महेंद्र कुमार त्रिपाठी और उनके बेटे अभिनय राज की जहरीले आटे की गोलियां खाने से हुई मौत का सनसीखेज खुलासा हुआ है। इस मर्डर मिस्ट्री की सूत्रधार एडीजे की 10 साल पुरानी महिला मित्र निकली। मध्य प्रदेश के रीवा की रहने वाली संध्या संतोष छिंदवाड़ा में एनजीओ चलाती थी। त्रिपाठी उसकी मदद करते थे। इसी दौरान दोनों के बीच घनिष्ठता हुई। कहानी में ट्वीस्ट 4 महीने पहले तब आया, जब एडीजे की पत्नी वीआरएस लेकर पति के साथ रहने लगी। यह संध्या को रास नहीं आया। त्रिपाठी ने उसकी मदद करना भी कम कर दी थी। इससे गुस्से में आकर उसने एक तांत्रिक की मदद से आटे में जहर मिलाकर त्रिपाठी के परिवार को अपने हाथों से रोटियां खिलाईं। इससे त्रिपाठी और उनके बेटे की इलाज के दौरान मौत हो गई। पत्नी इसलिए बच गई क्योंकि पत्नी ने खाना नहीं खाया था। बताते हैं कि त्रिपाठी ने संध्या से अपने पुराने पैसे मांगना भी शुरू कर दिए थे। वे बैतूल के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पदस्थ थे। घटना 20 जुलाई की है। दोनों को फूड पॉइजनिंग की आशंका के चलते हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। 25 जुलाई को दोनों की मौत हो गई थी। पढ़िए..चौंकाने वाली कहानी...

Asianet News Hindi | Published : Jul 30, 2020 4:34 AM IST
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जज की 10 साल पुरानी NGO वाली गर्लफ्रेंड के बीच आड़े आई जब पत्नी..सामने आई खौफनाक मर्डर मिस्ट्री

ऐसी रची थी साजिश...
बैतूल की एसपी सिमाला प्रसाद के मुताबिक, त्रिपाठी की फैमिली में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था। दम्पती में मनमुटाव था। संध्या ने इसका फायदा उठाया। उसने त्रिपाठी को तांत्रिक बाबा की मदद लेने की सलाह दी। इसके बाद एक बाबा त्रिपाठी के घर पहुंचा। उसने तंत्र-मंत्र के नाम पर 300 ग्राम आटे की गोलियां बनाईं। इस बीच उसने सबमें जहर मिला दिया। 20 जुलाई को संध्या सर्किट हाउस में जाकर त्रिपाठी से मिली। उसने त्रिपाठी से आटा वापस लिया और उससे रोटियां बनाकर पूरे परिवार को खिलाईं। चूंकि त्रिपाठी की पत्नी ने किसी कारण से यह रोटियां नहीं खाईं, सो वे बच गईं।

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20 जुलाई की रात को रोटियां खाने के बाद पिता-बेटे की तबीयत बिगड़ने लगी। रोटियां त्रिपाठी के छोटे बेटे ने भी खाई थीं, लेकिन उसकी तबीयत सुधर गई। तीनों का तीन दिन फूड पॉइजनिंग की आशंका को देखते हुए घर पर ही इलाज चला। लेकिन जब त्रिपाठी और बड़े बेटे की तबीयत में सुधार नहीं हुआ, तब उन्हें पहल पाढर और फिर नागपुर रेफर किया गया। 25 को त्रिपाठी के बेटे और अगले दिन उनकी मौत हो गई।
 

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इस मामले में पुलिस ने कॉल डिटेल के आधार पर संध्या, उसके ड्राइवर संजू चंद्रवंशी, संजू का फूफा देवीलाल चंद्रवंशी, मुबीन खान, कमल और बाबा उर्फ रामदयाल को पकड़ लिया। ये लोग एडीजे का पूरा परिवार खत्म करना चाहते थे।  पुलिस को महिला की कार से तंत्र-मंत्र की सामग्री मिली थी। त्रिपाठी के छोटे बेटे आशीष राज ने पुलिस को बताया था कि संध्या ने आटे की रोटी बनाकर खिलाई थीं। उसने कहा था कि इन रोटियों को खाने के बाद सब बढ़िया होगा।

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अस्पताल में भर्ती एडीजे संध्या को फोन करके बार-बार यही पूछ रहे थे कि उसने ऐसी क्या चीज खिलाई है..उसके बारे में बता दे, ताकि डॉक्टर उसका एंटीडोज दे सकें। लेकिन संध्या फोन काट दे रही थी।

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त्रिपाठी के जानकार बताते हैं कि कुछ समय वे आध्यात्म की ओर जा रहे थे। वे अजीब तरह की बातें करने लगे थे। उनका बड़ा बेटा कुछ समय पहले ही इंदौर से बैतूल आया था।

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