हादसे के वक्त मौके पर मौजदू जगन अहिरवार ने बताया कि रविवार की सुबह करीब 8 बजे बड़ा बेटा नरेंद्र अहिरवार (25) आया और बोला मैं टैंक की सफाई कर लेते हैं। मैं इसमें उतर जाता हूं, आप लोग बाहर से मेरी मदद करना। जिसके बाद वह टैंक में उतरा तभी वो करंट की चपेट में आ गया। वह चिल्लाने लगा उसकी चीख सुन छोटा बेटा विजय उसे बचाने के लिए दौड़ा, लेकिन उसे पकड़ते ही वह भी करंट की चपेट में आ गया। इस तरह दोनों बेटों की मौत हो गई। मेरे जवान बेटे बुजुर्ग बेटे को छोड़कर चले गई, मैं अब जिंदा रहकर क्या करूंगा..मेरी तो दुनिया ही उजड़ गई।