दरअसल, शुक्रवार के दिन औरंगाबाद में हुआ रेल हादसा इतना भयानक था कि मजदूरों के शरीर के टुकड़े-टुकड़े हो गए थे, आलम यह था कि पुलिस को इन टुकड़ों को समेटना पड़ा था। तभी मृतकों के परिजनों ने इच्छा जताई थी कि वह उनका अंतिम संस्कार अपने गांव मे ही करना चाहते हैं। लेकिन जब उनके शव इस हालत में घर पहुंचे तो घरवाले उनके देखने का भी साहस नहीं कर सके, बस सभी की आंखें पथरा गईं।