दरअसल, यह मामला विदिशा के अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज का है। जहां गोरेलाल कोरी (58) नाम के व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ के बाद 12 अप्रैल को भर्ती कराया था। तीन दिन तक उसे संदिग्ध कोरोना पेशेंट मानकर वेंटिलेटर पर रख इलाज किया गया। गुरुवार शाम मरीज की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी और डॉक्टरों को लगा कि उसकी हृदय गति रुक गई । अस्पताल स्टाफ ने परिजनों को फोन कर कहा कि गोरेलाल की मौत हो गई है, शव ले जाओ।