राहत साहब के बारे में उनके चाहने वाले बताते हैं कि राहत साहब का शायरी पढ़ने से पहला शोक चित्रकारी था। जिसके लिए वह पागल थे, वह स्कूल से छुट्टी होने के बाद पेंटिंग करने लगते थे, उन्होंने 10 साल की उम्र से साइन-चित्रकार के रूप में काम करना शुरू कर दिया था। वह रुपयों के लिए ट्रकों के पीछे तक पेंटिंग बनाने लगे थे। लेकिन जब उनके पिता की नौकरी चली गई तो उन्होंने पढ़ाई के साथ ही मजदूरी करने लगे और चित्रकारी का शौक उनसे छूट गया। फिर वो शायरी लिखने लगे और दोस्तों को छुट्टी के बाद सुनाते थे। बताया जाता है कि राहत इंदौरी ने महज 19 साल की उम्र में 1969 से शायरी पढ़ना शुरू कर दिया था।