कोरोना मरीजों को छोड़ अनिश्चिकालीन हड़ताल पर MP के हजारों हेल्थ वर्कर, इलाज की जगह थाली-शंख बजा रहे

भोपाल. मध्य प्रदेश एक तरफ कोरोना वायरस और  ब्लैक फंगस ने तांडव मचाकर रखा हुआ है। जहां सैंकडों लोग रोजाना दम तोड़ रहे हैं। वहीं दूसरी और महामारी के दौर में प्रदेश के 19,000 हेल्थकेयर वर्करों ने अनिश्चिकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। किसी ने अपने हाथ में थाली तो किसी ने शंक पकड़ रखा है। वह कहते हैं कि जब तक उनकी मांगों को सरकार पूरा नहीं करती वह विरोध करते रहेंगे।

Asianet News Hindi | Published : May 25, 2021 9:34 AM IST / Updated: May 25 2021, 03:05 PM IST
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कोरोना मरीजों को छोड़ अनिश्चिकालीन हड़ताल पर  MP के हजारों हेल्थ वर्कर, इलाज की जगह थाली-शंख बजा रहे

 ताली, थाली और शंख बजाकर हो रहा प्रदर्शन
दरअसल, मंगलवार को शुरू हुई इस अनिश्चिकालीन हड़ताल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारी शामिल हैं। जहां भोपाल, इंदौर और उज्जैन के जिला मुख्यालयों पर अपनी मांगों के समर्थन में ताली, थाली और शंख बजाकर प्रदर्शन किया जा रहा है। इन हेल्थ वर्करों की मांग है कि वह महामारी के दौर में अपनी जान जोखिम में डालकर परमानेंट या स्थायी कर्मचारियों की तरह काम कर रहे हैं। लेकिन फिर भी हमारा वेतन इन लोगों से काफी कम है।

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सरकार की अनदेखी की वजह से हड़ताल पर गए
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना काल में हम हड़ताल नहीं करना चाहते थे। क्योंकि इस समय हमारी जरुरत देश को सबसे ज्यादा है। लेकिन हमने कई बार सरकार के सामने अपनी मांग रखी, फिर भी हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया। सरकार की अनदेखी ने हमें हड़ताल पर जाने पर मजबूर कर दिया। अगर इस दौरान सेवाओं और मरीजों पर कोई असर पड़ता है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

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सैलरी भी समय पर नहीं मिलती..जो मिलती वह भी आधी
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रांतीय प्रवक्ता एवं भोपाल जिला अध्यक्ष राकेश मिश्रा ने कहा कि हम अचानक से हड़ताल पर नहीं गए हैं। हमने सबसे पहले  प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी के साथ बैठक कर अपनी समस्याएं और मांगें रखी थीं, लेकिन कोई नतीजा निकला नहीं। संविदा कर्मचारियों की परमानेंट स्टाफ की तरह काम करते हैं, लेकिन उनका वेतन उनसे काफी कम है। इतना ही नहीं उन्हें यह सैलरी मिलने में भी परेशानी होती है। 

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चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने हड़ताल ठीक नहीं
इस हड़ताल पर एमपी के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कर्मचारियों को हड़ताल खत्म कर देना चाहिए। क्योंकि महामारी के दौर में उनकी हड़ताल करना सही नहीं है। हम बातचीत के भी मामले को सुलझा सकते हैं। उनकी मांगों पर सरकार विचार करेगी।

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यह कर्मचारी है शामिल
बता दें कि  इस हड़ताल में आयुष चिकित्सक, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स, एनएनएम, डाटा मैनेजर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, टीबी कर्मचारी, बीसीएम, बीपीएम, सपोर्ट स्टॉफ,डेम, बेम, डीएचएस अकाउंटेंट सीएचओ, डीपीएमयू यूनिट, आईडीएसपी के कर्मचारी, एड्स समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल हैं।

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