सीधी हादसा: अभी दुनिया भी नहीं देखी थी और वो पत्ते की तरह बह गई, मासूम का शव उठाते रेस्क्यू टीम के कांपे हाथ


सीधी (मध्य प्रदेश). सीधी हादसा इतना भयानक था कि उसमें बच्चे-जवान और बूढ़े सब मौत के मंह में समा गए। 61 यात्रियों से भरी बस में सिर्फ 7 लोग जिंदा बचे हैं। जबकि 51 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी भी लाशों के निकालने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। बुधवार सुबह 7 से शुरू हुआ रेस्क्यू में अब तक 4 शव और मिल चुके हैं। हादसे के करीब 30 घंटे बाद रेस्क्यू टीम को 5 महीने की मासूम शुभी उर्फ सौम्या का शव मिला है। जब जवानों ने बच्ची के शव को देखा तो उनकी आंखों में भी आंसू आ गए, क्योंकि जिस मासूम ने अभी दुनिया भी नहीं देखी थी और वो नहर में पत्ते की तरह बह गई। इस परि की जिंदगी का सफर जन्म के पांच माह बाद ही खत्म हो गया। बता दें कि सीएम शिवराज सिंह चौहान मृतकों के परिजनों से मिलने और उनका दर्द बांटने के लिए उनके घर पहंचे हुए हैं।

Asianet News Hindi | Published : Feb 17, 2021 11:07 AM IST / Updated: Feb 17 2021, 04:54 PM IST

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सीधी हादसा: अभी दुनिया भी नहीं देखी थी और वो पत्ते की तरह बह गई, मासूम का शव उठाते रेस्क्यू टीम के कांपे हाथ

22 किलोमीटर दूर मिली मासूम...
रेस्क्यू टीम को मासूम सौम्या का शव हादसे वाली जगह से करीब 22 किलोमीटर दूर रीवा के गोविदंगढ़ के पास मिला है। जबकि सौम्या की मां सोमबाई गौड़ और मौसी का शव एक दिन पहले ही बस में मिल चुका था। बताया जाता है कि हादसा होते ही बच्ची अपनी मां के दामन से छूट गई थी। जो पानी में एक पत्ते की तरह बहते हुए इतनी दूर चली गई। 

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बेटी गोद में लिए परीक्षा देने जा रही थी मां...
बता दें कि हादसे में मारी गई सोमबाई गौड़ की शादी दो साल पहले बंडेवा थाना के चितरंगी गांव के निवासी हरिप्रताप गौड़ से हुई थी। हरिप्रताप आंध्रप्रदेश में नौकरी करता है, जबकि पत्नी गांव में रहती है। वह मंगलवार को अपनी बहन आशा के साथ एएनएम की परीक्षा देने के लिए निकली थी। दोनों बच्ची को लेकर बस में सवार हो गए। लेकिन कुछ दूर चलते ही बस नहर में गिर गई।  सोमबाई और आशा गौड़ बस में फंस गए, जबकि बच्ची पानी के तेज बहाव के चलते दूर तक बह गई।

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छोटे बच्चे का शव सबसे भारी होता है
सोचो उस परिवार के घर में मौत का मातम कैसा होगा, जिसके घर में पहले से सोमबाई और आशा गौड़ की लाश रखी हुई हैं। अब पांच महीने के बच्ची सौम्या का शव भी पहुंचेगा, जो शायद सबसे भारी होगा। क्योंकि कल तक जो परिजन मासूम की किलकारी सुन खुश होते थे अब वहीं उसका चेहरा देख बिलखते रहेंगे। (बच्ची के परिजन)

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मासूम बेटे साथ मां भी बह गई
सीधी बस हादसे की यह तस्वीर भी मार्मिक है, जहां रामपुर नैकिन की रहने वाली पिंकी गुप्ता और अपने दो साल के बेटे अथर्व के साथ बह गई थी। दोनों के शव निकाल लिए हैं, वहीं उसके पति और सुसर इस हादसे में बच गए। सीएम शिवराज सिंह चौहान इस मृतक परिवार के घर दर्द बांटने के लिए पहुंचे हुए थे।

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