Published : Dec 03, 2020, 11:16 AM ISTUpdated : Dec 03, 2020, 11:26 AM IST
भोपाल. (मध्य प्रदेश). 36 साल पहले भोपाल गैस कांड की उस काली रात को शायद ही कोई भूल पाएगा। जहां अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के प्लांट नंबर सी के टैंक नंबर 610 से लीक हुई मिथाइल आइसोसाइनेट गैस की वजह से हजारों लोगों की जान चली गई और कई परिवार देखते ही देखते तबाह हो गए। मंजर इतना भयावह था कि लाशें ढोने के लिए गाड़ियां छोटी पड़ गईं और अस्पताल में लोगों को भर्ती करने के लिए जगह नहीं बची। साथ ही कफन भी कम पड़ गए। त्रासदी की 36वीं बरसी पर 10 तस्वीरों में देखिए कैसे जिंदगी भर का दर्द दे गई गैस...इन फोटोज को सीनियर फोटोग्राफर कमलेश जैमिनी ने अपने कैमरे में कैद किया था...
दरअसल, यह खौफनाक घटना 2-3 दिसंबर की साल 1984 में हुई थी। जिसको आज पूरे 36 साल हो गए, लेकिन इसके बावजूद भी लोगों के जख्म नहीं भरे हैं। आलम यह है कि आज भी उसका दर्द झेल रहे हैं। उस भयावह पल को जो भी याद करता है तो उसकी आंखों से आंसू आ जाते हैं।
210
बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार और प्रशासन के मुताबिक, इस गैस त्रासदी से कुल 5 लाख लोग से ज्यादा प्रभावित हुए थे। वहीं, 4 के आसपास लोगों की मौत हुई थी। हालांकि, प्रशासन ने शुरुआत में मरने वालों की संख्या 2,259 बताई थी, जिसे बाद में आंकड़ा बढ़ गया था।
310
2-3 दिसंबर रात 10 बजे के आसपास गैस रिसाव हुआ था। करीब एक घंटे बाद 11 बजे के बाद इसका असर दिखने लगा था। जो जहां था घर या सड़क पर वहीं बेसुध होकर गिरने लगा था। देखते ही देखते पूरे शहर में अफरा-तफरी मच गई। हर कोई चीख रहा था बचाओ-बचाओ हम मर जाएंगे और हुआ भी ऐसा ही।
410
घटना के वक्त तैनात पुलिसकर्मियों को यह समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें। जहां देखो वहां लाशों का ढेर लग हुआ था। हमीदिया अस्पताल में लाशों से भरे ट्रक लगातार आ रहे थे। डॉक्टर यह खौफनाक सीन देखकर हैरान थे कि पूरी जिंदगी ऐसा भयावह सीन आजतक नहीं देखा।
510
इस गैसकांड का आलम यह था कि भोपाल की सबसे बड़ी हमीदिया अस्पताल में लोगों को पर्याप्त इलाज भी नहीं मिल पा रहा था। कहीं किसी का बेटा पिता के सामने तड़प रहा था तो कहीं पत्नी अपने पति के इलाज के लिए बिलखते हुए हाथ जोड़कर गुहार लगा रही थी।
610
हरीली गैस के कारण कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। जिसने भागने की कोशिश की वह भट्ठी में गिर गए।
710
यह तस्वीर दिखाती है कि गैस लीक होने के बाद भोपाल में कैसा मंजर हो गया था।
810
जहरीली गैस के कारण कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। जिसने भागने की कोशिश की वह भट्ठी में गिर गए।
910
इस तस्वीर में देखिए किस तरह एक की गांधी मेडिकल कॉलेज में एक लड़की की लाश लाई गई थी। इसके बाद अस्पताल में इनका सिलसिला बढ़ता गया।
1010
इस गैस कांड में इंसान तो इंसान हजारों पशु-पक्षी और जानवर भी मारे गए थे।