महाकाल की शरण में 'महाराज': दर्शन करते ही सिंधिया को मिला आशीर्वाद, मंदिर में ही दिल्ली से आया बुलावा


उज्जैन (मध्य प्रदेश). मोदी कैबिनेट में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की जगह करीब-करीब पक्की हो गई है। इस बीच महाराज 
महाकाल के दरबार में दर्शन के लिए पहुंचे। जहां उन्होंने पूजा-अर्चना कर बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। जैसे ही वह मंदिर परिसर से बाहर निकले तो उन्हें दिल्ली से पार्टी आलाकामान का फोन आया और वह अपने मालवा दौरे को बीच में रद्द कर दिल्ली रवाना होंगे। 
 

Asianet News Hindi | Published : Jul 6, 2021 9:00 AM IST / Updated: Jul 06 2021, 03:33 PM IST
15
महाकाल की शरण में 'महाराज': दर्शन करते ही सिंधिया को मिला आशीर्वाद, मंदिर में ही दिल्ली से आया बुलावा

दरअसल, पिछले दो दिन से ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश के मालवा के दौरे पर आए हुए हैं। लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार और उनके शामिल होने की सुगबुगाहट के बीच उनका यह दौरा रद्द हो गया। वह बीच में ही अपने सारे कार्यक्रम छोड़ दिल्ली निकलने वाले हैं। बताया जाता है कि मंगलवार दोपहर साढ़े तीन बजे की फ्लाइट से इंदौर से दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे

25

जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि अब तो आपको बाबा महाकाल ने मंत्री बनने का आशीर्वाद दे दिया है। तो उन्होंने कहा, 'इस मंदिर के साथ सिंधिया परिवार की अंतरात्मा की भावना जुड़ी हुई है। जब-जब मैं उज्जैन आता हूं, महाकाल के दरबार में भोग लगाना हमारा धर्म और दायित्व दोनो है। मुझे बाबा महाकाल के दर्शन करने का सौभाग्य मिला। मेरे लिए यही  आशीर्वाद चाहिए कि कोरोना के युद्ध में मानव जाति का भगवान भोलेनाथ भला करें।

35

सोमवार को सिंधिया मंदसौर के पशुपति नाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचे हुए थे। जहां उन्होंने आगर-मालवा के क्षेत्र में अपने समर्थकों से मिले। नीमच और मंदसौर में भी उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात की है। हालांकि इस दौरान कांग्रेस  कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध करते हुए काले झंडे भी दिखाए।

45


पत्रकारों ने जब सिंधिया से पूछा कि इस बार तो आपका मंत्री बनन लगभग पक्का हो गया है तो सिंधिया ने कहा कि मैं सिर्फ बीजेपी का एक साधारण सा कार्यकर्ता हूं, सेवाभाव के आधार पर काम कर रहा हूं। मुझे पार्टी जो काम देती है उसे में पूरी जिम्मेदारी से निभाता हूं। मैं मालवा में मंत्रि पद के लिए पशुपति भगवान और महाकाल से आर्शीवाद लेने नहीं आया हूं। अपने क्षेत्र की जनता की भलाई के लिए उनसे मिलने के लिए यहां आया हूं।

55

सियासी गलियारों में चर्चा होने लगी है कि सिंधिया को अपने पिता कि तरह रेलवे की कमान मिल सकती गै। या फिर उनको शहरी विकास या मानव संसाधन जैसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जा सकती है। बता दें कि वह कांग्रेस की मनमोहन सरकार में दो बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos