मां में पूरी दुनिया समायी..मुश्किल वक्त में मां ही सबसे मजबूत, बच्चों की ताकत बनकर लड़ीं यह मांएं

इंदौर ( मध्य प्रदेश). आज मदर्स डे है, हर साल लोग इस दि दिन को स्पेशल बनाने के लिए कुछ खास करते हुए नजर आते हैं। लेकिन इस बार मदर्स डे कोरोना वायरस से फैली महामारी के बीच मनाया जा रहा है। लॉकडाउन के कारण कई लोग अपनीं मां से नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में आपके अंदर मां की ममता का एहसास जगाने के लिए गूगल ने खास डूडल बनाया है। शायद यह फर्स्ट वर्ल्ड वॉर और सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद तीसरा मौका है, जब पूरी दुनियाभर की सभी मां सबसे ज्यादा डरी और सहमीं हुई हैं। लेकिन इसके बाद भी वह कोरोना के खौफ से अपने बच्चों के निकालकर सही सलामत बचा लाईं। आज हम आपको देश की कुछ मांएं के बारे में बताने जा रहे हैं जो, इस मुश्किल वक्त में सबसे मजबूत साबित हुई हैं। जहां कोरोना से हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है, वहां यह मांएं  बच्चों की ताकत बनकर लड़ीं।

Asianet News Hindi | Published : May 10, 2020 6:57 AM IST / Updated: May 10 2020, 12:31 PM IST
19
मां में पूरी दुनिया समायी..मुश्किल वक्त में मां ही सबसे मजबूत, बच्चों की ताकत बनकर लड़ीं यह मांएं


मां की ममता की यह तस्वीर चंडीगढ़ पीजीआई की है, जहां यह महिला अपनी बहादुरी और प्यार से अपनी कोरोना संक्रमित 18 महीने की बच्ची को मौत के मुहं से बचा लाई। वह 14 दिन तक संक्रमित बेटी के साथ एक ही बेड पर रही, इसके बाद वो संक्रमित नहीं हुई। डॉक्टरों ने बच्ची के साथ महिला के सैम्पल भी कई बार लिए, लेकिन हर बार उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई।बता दें कि 20 अप्रैल को उसकी लाडो की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी,  शनिवार को जब बेटी की रिपोर्ट भी निगेटिव आई तो उसको छुट्टी दे दी गई। अब डॉक्टरों का कहना है कि हम रिसर्च करेंगे कि किस तरह यह मां सक्रमण से बच गई। 
 

29


तस्वीर में दिखाई दे रहीं यह मां  25 साल की रुक्साना बानों हैं। जिन्होंने अपनी तीन साल की बेटी को कोरोना से बचाने के लिए 900 किमी पैदल यात्रा कर अपने घर पहुंची हैं। रुक्साना ने चिलचिलाती धूप में इंदौर से अमेठी तक की दूरी अकेले ही तय की है।

39


तस्वीर में दिखाई दे रहीं यह महिला 3 साल के मुमताज की मां साहिबा है, जो एमपी के देवास जिले की रहने वाली है। जिन्होंने 14 दित तक अपने इस संक्रमित बेटे के साथ बिताए हैं, डॉक्टरों के मना करने के बाद भी वह अपनी लाडो को अकेला नहीं छोड़ा और उसे कोरोना से बचा लाईं। सबसे खास बात यह है कि साहिबा के साथ रहने के बावजूद भी उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। मासूम को ठीक हुए करीब एक सप्ताल हो चुका है।  ममता की बदौलत है उसकी बेटी आज आंगने में खेल रही है।

49

तस्वीर में दिखाई दे रही महिला इंदौर की रहने वाली है। मनीषा राजौरे ने 16 अप्रैल को एक बच्ची को जन्म दिया। लेकिन, 1 मई को नवजात में संक्रमण की पुष्टि हुई। मां की ममता को देखो वह 21 दिन तक अपनी संक्रमित बच्ची को लेकर यहां के चोइथराम अस्पताल रही। वह चेहरे पर मास्क और हाथों में दस्ताने पहनकर अपनी बेटी की देखरेख करती रहती थी, इसी की बदौलत है कि आज उसकी बेटी सही सलामत है।

59

यह तस्वीर श्रीनगर की है। यहां एक मां 14 दिन का क्वारैंटाइन पीरियड पूरा करने के बाद जब 6 अप्रैल को बाहर आई, तो अपने बच्चे को गोद लेने से पहले मास्क और ग्लव्स पहनना नहीं भूली।

69

मां की ममता की यह तस्वीर  महाराष्ट्र के औरंगाबाद के अस्पताल की है। जहां 23 अप्रैल को एक कोरोना पॉजिटिव मां ने बच्चे को जन्म दिया था। संक्रमित होने के चलते मां और उसके नवजात को अलग-अलग रखा गया था। महिला ने तीन दिन बाद अपने जिगर के टुकड़े को वीडियो कॉलिंग के जरिए उसके देखा था।
 

79

एक भावुक तस्वीर जयपुर से सामने आई है, यह बच्ची चार साल की अनिका है, जो अब इस दुनिया में नहीं रही, शनिवार को उसने कोरोना से लड़ते हुए दम तोड़ दिया। मासूम को बचाने के लिए उसकी मां लक्ष्मी आखिरी जिंदगी तक लड़ती रही, लेकिन वह अपने कलेजे के टुकड़े को नहीं बचा पाई। दरअसल, अनिका कोरोना पॉजिटिव थी, अपनी बेटी को बचाने के लिए महिला भी कोरोना वॉर्ड में 14 दिन तक साथ रही, फिर भी उसकी सांसे थम गईं।

89

यह तस्वीर कोलकात शहर से पांच अप्रैल को सामने आई थी। जहां लॉकडाउन के बीच यह एक मां पहले बच्चों को खिलाती है, फिर जो बचता है उसको वह खा लेती है। 

99


मां की ममता की यह तस्वीर पानीपत की है। जहां एक महिला ना अपने फर्ज से पीछे हट रही है और ना ही मां की ममत से, यह इंस्पेक्टर तमन्ना मां अपनी बेटी को ड्यूटी पर साथ ले जाती है।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos