इनसे सीखिए कैसे कोरोना को दी जाती है मात, 104 साल के बुजुर्ग को देख डॉक्टर भी हैरान..बताए ये मूलमंत्र


बैतूल (मध्य प्रदेश). पूरे देश में कोरोना इस तरह से तांडव मचा रहा है कि रोजाना हजारों लोगों की सांसे थम रही हैं। अस्पताल में जाने के बाद भी मरीज डरे-सहमें हुए हैं। उनके एक ही चिंता सता रही है कि वह ठीक होकर घर लौट पाएंगे या नहीं। लेकिन कई ऐसे भी लोग हैं जो अपने मजबूत इरादे और सकारात्मक सोच से कोरोना की जंग जीत रहे हैं। यह साबित कर दिखाया है मध्य प्रदेश बैतूल के एक 104 साल के बुजुर्ग ने, जो  कोरोना पॉजिटिव होने पर डरे नहीं, बल्कि अपना हौसला दिखाते हुए महामारी का डटकर सामना किया। उन्होंने बताया कि कैसे कोई भी इस महामारी के खिलाफ जंग जीत सकता है। आइए जानते हैं उनके बताए मूलमत्र...

Asianet News Hindi | Published : Apr 25, 2021 6:09 AM IST
15
इनसे सीखिए कैसे कोरोना को दी जाती है मात, 104 साल के बुजुर्ग को देख डॉक्टर भी हैरान..बताए ये मूलमंत्र

दरअसल, कोरोना के हाहाकार के बीच उसे मात देकर सकुशल घर आने वाले बुजुर्ग हैं, बैतूल के रहने वाले बिरदी चंद गोठी। जो कि एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हैं। उनके जज्बे और हौसले को देखकर डॉक्टर भी हैरान थे। उन्होंने अपने साथ-साथ अपने परिजनों को भी यह कहते थे कि तुम घबराओं नहीं, में जल्द ठीक हो जाऊंगा,  कोरोना मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता है, मुझे कुछ नहीं होगा। सचमुच उन्होंने ऐसा कर दिखाया।

25


बता दें कि बिरदी चंद गोठी 12 दिन पहले  कोरोना से संक्रमित हुए थे। परिजन उनको अस्पताल ले जाने लगे, लेकिन उन्होंने कहा कि मैं घर पर ही सही हो जाऊंगा। इसके बाद डॉक्टरों की सलाह पर उनका इलाज घर पर हुआ। वह समयय-समय पर अपनी पूरी दवाइयां लेते रहे। इस दौरान ऑक्सीजन भी उन्हें दी गई। कई लोग उनकी सेवा करने के लिए आगे आते, लेकिन वह कहते मुझमें इतनी हिम्मत है कि सबकुछ कर सकता हूं। हालांकि उनके केयर टेकर उनकी दिन रात सेवा में लगे रहे। 

35


बिरदी चंद गोठी का कहना है कि संक्रमित होने के बाद व्यक्ति डरे नहीं, घबराए नहीं वह यह सोचे कि कुछ नहीं हुआ थोड़ा सा बुखार है, दो चार दिन में सही हो जाएगा। इस दौरान मरीज अच्छी-अच्छी पुस्तकें पढ़े, भगवान का भजन करे, योगा-प्रणायाम करे मस्ती करते हुए व्यस्त रहे तो कोरोना उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।

45

इस उम्र में अधिकतर लोग कोरोना से लड़ते हुए अपनी जिंदगी की जंग भी हार गए।  बिरदी चंद गोठी के संक्रमित होने के बाद भी उनके परिजन भी चिंतित हो गए की अब क्या होगा, बाबूजी का क्या होगा। लेकिन उन्होंने  इच्छा-शक्ति और हौसले से कोरोना को मात दी। नतीजा यह हुआ कि बिरदी चंद गोठी 10 दिन में ही ठीक हो गए।

55


बता दें कि बिरदी चंद गोठी अपने इलाके में बाबाजी के नाम से फेमस हैं। उन्होंने जिस तरह से देश को आजाद कराने के लिए लड़ाई लड़ी और स्वतंत्रता मिली। ठीक उसी तरह उन्होंने  कोरोना की भी जंग जीत ली। अब आसपास के लोग और डॉक्टर उनकी हौसले ओर हिम्मत को सलाम कर रहे हैं। वहीं परिवार के लोगों का कहना है कि बाबूजी ने इस उम्र में होकर भी नहीं डरे, हम लोग तो बहुत चिंतित थे।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos