नेहरूजी ने जैसे ही यहां कराई तांत्रिक पूजा, 1962 के युद्ध में चीन के पैर उखड़ गए थे

दतिया, मध्य प्रदेश. यूपी के झांसी और ग्वालियर के बीच बसा है दतिया। यह नगर बुंदेलखंड की ऐतिहासिक विरासत का गवाह है। इसके साथ ही यहां स्थित मां पीतांबरा पीठ देश-दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां आम दिनों में ही सैकड़ों भक्त पहुंचते हैं। शनिवार यहां होने वाली मां धूमावती की आरती में देशभर से हजारों की भीड़ उमड़ती है। नवरात्र में भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। पीतांबरा पीठ तांत्रिक अनुष्ठान के लिए जानी जाती है। सरकार बनाने और बिगाड़ने की कामनाएं हों या देश-दुनिया के हितों की बात, यहां अकसर तांत्रिक अनुष्ठान होते रहते हैं। यहां हुए अनुष्ठान अपना असर दिखाते हैं। कहते हैं कि 1962 के युद्ध में जब चीन हावी होने लगा, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने यहां तांत्रिक अनुष्ठान कराया था। इसके बाद चमत्कार हुआ और चीन के पैर उखड़ गए। 17 अक्टूबर से नवरात्र शुरू हो गए हैं। आइए इसी संदर्भ में हम पीतांबरा पीठ की कहानी बताते हैं...

Asianet News Hindi | Published : Oct 17, 2020 8:25 AM IST

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नेहरूजी ने जैसे ही यहां कराई तांत्रिक पूजा, 1962 के युद्ध में चीन के पैर उखड़ गए थे

एक बार फिर से चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। बॉर्डर पर वो लगातार हिंसा कर रहा है। 1962 के युद्ध में भी वो भारतीय सेना का पराक्रम देख चुका है। इस युद्ध में चीनी सेना के पीछे हटने के पीछे भारतीय सेना की बहादुरी रही। वहीं, यह भी माना जाता है कि दतिया स्थित पीतांबरा पीठ पर हुए तांत्रिक अनुष्ठान का भी असर हुआ।

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1962 के युद्ध में एक बारगी चीन हावी होने लगा था। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को पीतांबरा पीठ का ध्यान आया। उन्होंने विराजी मां बगलामुखी के मंदिर में 51 कुंडीय महायज्ञ कराया। कहा जाता है कि तांत्रिक अनुष्ठान का असर हुआ और युद्ध के 11वें दिन चीनी सेना पीछे हट गई।

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यह है दतिया स्थित पीतांबरा पीठा का मुख्य द्वार। यहां 1962 के समय यज्ञ के लिए बनाई गई यज्ञशाला आज भी मौजूद है। कहते हैं कि अन्य युद्धों के दौरान भी यहां तांत्रिक अनुष्ठान कराए गए।

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पीतांबरा पीठ की स्थापना 1935 में स्वामीजी महाराज ने कराई थी। यह पीठ उनके तप की गवाह है। आज दुनियाभर में उनके अनुयायी मौजूद हैं।
 

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पीतांबरा पीठ में स्थित वनखंडेश्वर शिवलिंग को महाभारतकालीन माना जाता है। तस्वीर में मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ वनखंडेश्वर शिवलिंग पर पूजा करते हुए।

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पीतांबरा पीठ में विराजी मां बगुलामुखी के दर्शन एक छोटी-सी खिड़की के जरिये होते हैं। तस्वीर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मां के दर्शन करते हुए।

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यहां देशभर के दिग्गज नेता मां के दर्शन करने पहुंचते हैं। तस्वीर में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वनखंडेश्वर शिवलिंग के दर्शन करते हुए।

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वनखंडेश्वर शिवलिंग पर पूजा-अर्चना करते हुए राहुल गांधी। साथ में हैं क्रमश: बायें से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ।

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पूर्व राष्ट्रपति स्व. प्रणब मुखर्जी और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया मां के दरबार में।

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