रो रही मां से बचपन में कहा- मैं उड़ाऊंगी लड़ाकू विमान;ऐसा करने वाली ये बेटी बनी देश की पहली महिला पायलट

रीवा (मध्य प्रदेश). अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नारी शक्ति को शुभकामनाएं दीं। महिलाओं के सम्मान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स उन सात महिलाओं को सौंप दिया जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम किया है। वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महिलाओं को नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी उनके साथ थीं। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की पत्नी सविता कोविंद भी मौजूद रही। आईए जानते हैं राष्ट्रपति ने किन महिलाओं को नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित किया है।  राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अवनि चतुर्वेदी, भावना कांत व मोहना सिंह को नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया। भारतीय वायुसेना में महिलाओं के लिए फाइटर स्‍ट्रीम खोले जाने के बाद इन तीनों को फाइटर स्‍क्वाड्रन में प्रयोग के तौर पर शामिल किया गया। 2018 में मिग-21 में अकेले उड़ान भरने के बाद तीनों पहली महिला फाइटर पायलट बनीं। हम आपको बताते हैं अवनि चतुर्वेदी के बारे में...

Asianet News Hindi | Published : Mar 8, 2020 2:30 PM IST / Updated: Mar 08 2020, 10:25 PM IST

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रो रही मां से बचपन में कहा- मैं उड़ाऊंगी लड़ाकू विमान;ऐसा करने वाली ये बेटी बनी देश की पहली महिला पायलट
एक इंटरव्यू में बातचीत के दौरान अवनी ने कहा था, "मैं क्लास 3rd में थी, तब टीवी पर कल्पना चावला की स्पेसशिप क्रैश में मौत की खबर देखी थी। उस खबर ने मेरी मां सविता चतुर्वेदी को अपसेट कर दिया था। वो टीवी स्क्रीन के सामने बैठकर रो रही थीं। मैं उनके पास गई और बोली- मां रोइए मत। मैं अगली कल्पना चावला बनूंगी।"
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अवनि चतुर्वेदी ने हैदराबाद एयर फोर्स अकादमी से 25 वर्ष की आयु में ट्रेनिंग पूरी की। अवनि इस समय सूरतगढ़, राजस्थान में नंबर 23 स्क्वाड्रन (पैंथर्स) में तैनात हैं। अवनि चतुर्वेदी 2018 में पदोन्नति के बाद फ्लाइट लेफ्टिनेंट बनीं। 2018 में बनसथली विद्यापीठ ने अवनि को ऑनरेरी डॉक्‍ट्रेट की उपाधि से नवाज़ा।
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अवनि चतुर्वेदी मूल रूप से मध्य प्रदेश के रीवा की रहने वाली हैं। उनके पिता दिनकर प्रसाद चतुर्वेदी बाण सागर डैम प्रॉजेक्ट में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर थे और मां सविता हाउसवाइफ। जबकि उनके भाई आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल रहे हैं। चतुर्वेदी को टेनिस खेलना और चित्रकारी करना पसंद है
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अवनि की स्कूलिंग मध्यप्रदेश के शहडोल में हुई। उन्होंने 2014 में राजस्थान के वनस्थली यूनिवसिर्टी से आईटी में ग्रैजुएशन किया। बीटेक में अवनि ने 88% मार्क्स के साथ कंप्लीट की है।
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अवनि की इंजीनियरिंग होते ही उसे एक MNC में अच्छे पैकेज पर जॉब मिल गई थी। लेकिन ज्वाइनिंग के महज 6 महीने बाद सिलेक्शन एयरफोर्स एकेडमी में हो गया और इसने जॉब छोड़ दी।
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अवनि चतुर्वेदी की शादी नवंबर 2019 में हरियाणा के पानीपत जिले के रहने वाले विनीत छिकारा के साथ हुई है। बता दें कि विनीत वायुसेना में फ्लाइंग लेफ्टिनेंट हैं।
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अवनि के परिवार के सदस्य सैन्य अधिकारी हैं और उन्हें इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सेना में भर्ती होने की प्रेरणा अपने भाई से मिली। अवनि का बचपन से ही लड़ाकू विमान उड़ने का सपना था। इसलिए वह अपने कॉलेज के फ्लाइंग क्लब में शामिल हुईं थीं।
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आज महिला दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अवनि चतुर्वेदी, भावना कांत व मोहना सिंह को नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया।
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