Russia Ukraine War: यूक्रेन से लौटे स्टूडेंट ने सुनाई आपबीती, कहा-वहां के हालात डरावने, मां के गले लग खूब रोया

Published : Feb 24, 2022, 11:40 AM ISTUpdated : Feb 24, 2022, 11:55 AM IST

भोपाल. यूक्रेन और रूस (Russia-Ukraine War) की सीमा पर हालात बिगड़ने लगे हैं। इतना ही नहीं अब तो रूस के राष्ट्रपति  (Russia president Vladimir Putin) ने यूक्रेन (Ukraine) के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। साथ ही वहां के प्रिसिडेंट पुतिन ने धमकी दी है कि जो कोई भी यूक्रेन का साथ देखा इसका अंजाम ठीक नहीं होगा। इसी तनातनी माहौल के बीच यूक्रेन से भारतीयों को निकालने का सिलसिला और तेज हो गया है। जो स्टूडेंट भारत लौटे हैं उन्होंने वहां के हालत और अपनी आपबीती सुनाई है। किसी ने कहा-उनके मन में हर पल डर सता रहा था, तो किसी ने कहा कि फायरिंग की आवाज से हम सहम जाते थे। यही सोचते कब हमारे देश पहुंचेंगे। पढ़िए आपबीती-कहा वहां रुकते तो पता नहीं क्या होता, फायरिंग की आवाज से सहम जाते थे...

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Russia Ukraine War: यूक्रेन से लौटे स्टूडेंट ने सुनाई आपबीती, कहा-वहां के हालात डरावने, मां के गले लग खूब रोया

दरअसल, मंगलवार रात यूक्रेन से पहली फ्लाइट 250 से अधिक लोगों को लेकर भारत लौटी, जिसमें भोपाल के हर्षित शर्मा भी शामिल थे। हर्षित बुधवार शाम तक दिल्ली से शताब्दी एक्सप्रेस से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन भोपाल पर उतरे। जहां पहले से उनके सामने उनका पूरा परिवार अपने इस लाल को देखने लिए इंतजार कर रहा था। हर्षित जैसे ही घर पहुंचे तो मां ने आरती उतार और फूलों की माला डाल स्गागत किया।
 

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हर्षित शर्मा ने नम आखों से यूक्रेन के हालातों से पर मीडिया को बताया, उन्होंने कहा- शुरुआत में ऐसा नहीं लग हा था कि रूस अटैक कर देगा, लेकिन जैसे-जैसे दिन निकलते गए तो यह कंर्फम हो गया था कि अब तो अटैक होकर ही रहेगा। हर्षित ने कहा कि उनके मन में वहां पर बेहद डर था और बस यही बात दिमाग में घूम रही थी कि जल्द से जल्द अपने घर पहुंचे। अगर ज्यादा दिन तक वहां रुके तो पता नहीं हम जिंदा रह पाएंगे कि नहीं।

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हर्षित ने कहा कि में राज्य औक केंद्र सरकार का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने समय रहते हुए हमें वहां से निकाल लिया। लेकिन सरकार को फ्लाइट्स की संख्या बढ़ाना चाहिए और किराया कम करना चाहिए। अभी 20 हजार भारतीय यूक्रेन में फंसे हैं, भारत आने के लिए लोगों को सात से आठ घंटे पहले लाइन में लगना पड़ा रहा, फिर कहीं जाकर टिकट मिलता है। एक टिकल के लिए करीब 50 हाजार रुपए तक देने पड़ रहे हैं।

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बता दें कि हर्ष के पिता आनंद शर्मा सरकारी कर्मचारी हैं, जबकि माता विमला शर्मा गृहणी है और वह ज्योतिष का काम भी करती हैं। पिता ने भावुक होते हुए बताय कि उनका बेटा वापस आ गया, इससे बड़ी खुशी खुश नहीं है।

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पित ने कहा मैं दिन रात यह चिंता रहती थी कि बेटा जल्द से जल्द आ जाए। 7 दिनों से वह खुद भी तनाव में थे, पिछले 48 घंटे से वह ठीक से सो तक नहीं पाए हैं।  वही उनकी मां विमला कहती हैं कि बेटा घर आ गया अब कुछ नहीं चाहिए।

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