Published : May 14, 2020, 10:44 AM ISTUpdated : May 14, 2020, 11:06 AM IST
मंदसौर (मध्य प्रदेश). पूरी दुनिया में कोरोना ने अपनी दहशत फैला रखी है। इससे मरने वालों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। इन सबके बावजूद भी मौत के खौफ को त्यागकर नर्से कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा में रात दिन जुटी हैं। वह इस मुश्किल घड़ी में अपने पति, बच्चों और परिवार से दूर रहकर देश के प्रति अपना फर्ज निभा रहीं हैं। ऐसी ही एक नर्स की इमोशनल कहानी मध्य प्रदेश से सामने आई है। जिनके बलिदान को आप भी सलाम करेंगे।
दरअसल, अपने दर्द को छोड़कर फर्ज निभा रही ये नर्स मंदसौर की शांता पंवार हैं। जो पिछले 52 दिन से अपने घर नहीं गई हैं। वह कोरोना वायरस के संदिग्ध और प्राइमरी हेल्थ सेंटर में मरीजों की देखभाल कर रही हैं।
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बता दें कि नर्स शांता पंवार 52 दिन से अपनी तीन साल की बेटी को गोद भी नहीं ले पाई हैं। जब कभी बेटी की याद आती तो वह उससे वीडियो कॉल प बात कर लेती हैं। इस दौरान वह इमोशनल भी हो जाती हैं और बेटी से बात करते-करते रोने लगती हैं।
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शांता पंवार ने ने बताया कि मेरी बेटी बात करते रोने लगती है, वो कहती है मम्मी आप कब घर आओगे। लेकिन में उसको रोज झूठी दिलासा देती रहती हूं, आज या कल आऊंगी, पर मरीजों को इस तरह छोड़कर नहीं जा सकती हूं। क्योंकी मेरी जरुरत इस समय अस्पताल में ज्यादा है।
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नर्स शांता पंवार ने बताया कि अस्पताल में भर्ती छोटे-छोटे बच्चों से मुझको हिम्मत मिलती है, जिनकी देखभाल करने वाला हमारे अलावा और कोई नहीं है। मेरी बेटी का ख्याल तो मेरी सासू मां रख रहीं हैं।