ऐसे हुई शुरुआत: बात 2008 की है। वंदना के बेटे की तबीयत खराब हुई। डॉक्टर ने दूध पिलाने को कहा। लेकिन यह भी हिदायत दी कि बाहर के मिलावटी या दूषित दूध से बचना है। लिहाजा उनके भाई ने एक भैंस खरीद ली। यही से उनके दिमाग में डेयरी डालने का आइडिया आया। पहले वंदना और उनका भाई ही छोटी-सी डेयरी चला रहे थे। फिर ननद जुड़ गईं, तो डेयरी ने विस्तार ले लिया। अब वंदना प्रोडक्ट प्रमोशन और डिलीवरी का काम संभालती हैं। वहीं, मोनिका भैसों की देखभाल, जरूरत पड़ने पर उनका उपचार आदि देखती हैं। आज इनके पास 200 से ज्यादा भैसें हैं। वहीं, 10-12 गायें। इनकी डेयरी से 25 लोगों को रोजगार भी मिला है। इन्होंने 24K milk नाम से एक ऐप भी बनाया है। इसके जरिये आप ऑनलाइन प्रोडक्ट्स मंगा सकते हैं।
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