इस शख्स से अभागा और कोई नहीं होगा..पहले पत्नी की चिता जलाई..फिर 10 साल के बेटे को दफनाना पड़ा

ग्वालियर, कहते हैं इंसान तमाम मुश्किलों का सामान कर सकता है, लेकिन जब उसके अपने ही आंखों के सामने दर्दनाक मौत के शिकार हो जाएं और वह चाहकर भी कुछ नहीं कर सके तो सोचो उसपर क्या गुजरेगी। ऐसा ही दुखों का पहाड़ बनकर टूटा है ग्वालियर बिजनेसमैन साकेत गोयल की जिंदगी में, उनकी पत्नी और बेटा आग में जलकर दर्दनका तरीके से मौत के मुंह में समा गए और वह चीखने-चिल्लाने के अलावा कुछ नहीं कर सके। बता दें कि सोमवार सुबह ग्वालियर में तीन मंजिला मकान में आग लग गई थी, जिसमें एक ही परिवार के 7 लोगों की जान चली गई।
 

Asianet News Hindi | Published : May 19, 2020 6:16 AM IST / Updated: May 19 2020, 11:58 AM IST
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इस शख्स से अभागा और कोई नहीं होगा..पहले पत्नी की चिता जलाई..फिर 10 साल के बेटे को दफनाना पड़ा

तस्वीर में दिखाई दे रहे यह साकेत गोयल की पत्नी प्रियंका और बेटा आर्यन है, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे। साकेत गोयल ने पहले बिलखते हुए अपनी पत्नी की चिता को आग लगाई। फिर कांपते हाथों से अपने बेटे को दफनाया। एक दिन में उसका पूरा संसार खत्म हो गया। बता दें कि साकेत की पत्नी 17 मार्च को बेटे  की परीक्षा खत्म होने के बाद अपने मायके झांसी चली गईं थी। लॉकडाउन के चलते वह घर नहीं आ पा रही थी, फिर पति ने उनको लाने के लिए ई-पास बनवाकर 17 मई सुबह अपने ड्राइवर को उनको लाने के लिए भेजा और वह रात 8 बजे लेकर आ भी गया। लेकिन 14 घंटे बाद ही सुबह करीब 10 बजे उसकी पत्नी और बेटे इस भयानक हादसे का शिकार हो गए।

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वहीं इस भयानक हदासे में साकेत गोयल की बेटी गौरवी सही सलामत बच गई। क्योंकि वह बाहर वाले कमरे में बैठकर टीवी देख रही थी। मासूम बच्ची ने हादसे का मंजर बयां करते हुए बोली-मैं जब टीवी देख रही थी तो दूसरे कमरे से शुभि दीदी और आराध्या दीदी की चीखने की आवाज आई और उनके कमरे से तेज धुआं निकल रहा था। मुझको भी खांसी आने लगी, मैंने बाहर खड़े अंकल को बुलाया और वह मुझको वहां से बाहर लेकर गए। 

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 चश्मदीदों न बताया कि हादसा इतना भयानक था कि शवों और घायलों को बगल के मकान की दीवार तोड़ने के बाद बाहर निकाला गया।

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बता दें कि इस मकान में तीन भाईयों जगमोहन गोयल, हरिओम गोयल और जयकिशन गोयल का परिवार रहता था, करीब 16 लोग एक साथ रह रहे थे, लेकिन 7 की इस हादसे में मौत हो गई। पहली और दूसरी मंजिल पर परिवार रहता था और ग्राउंड फ्लोर पर तीनों भाई मिलकर पेंट की दुकान चलाते थे।

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हादसे में चार साल की आराध्या, आर्यन (10 साल), शुभि (13 साल), आरती (37 साल), शकुंतला  (60 साल), प्रियंका  (33 साल), मधु गोयल पति हरिओम गोयल (55 साल) की मौत हो गई। वहीं एक बच्ची सहित दो लोग घायल हैं।

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पड़ोसियों ने बताया कि  गोयल परिवार का दो महीने से कामधंधा बंद था। पूरा परिवार अब लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार कर रहा था। लेकिन इससे पहले ही मौत का मातम पसर गया

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