दिल दहलाने वाली तस्वीरें, इंसानों के रूप में छुपे 'भेड़ियों' ने कैसे खेला मौत का खेल
धार, मध्य प्रदेश. ये तस्वीरें इंसानों की बस्ती में रहने वाले 'भेड़ियों' को दिखाती हैं। कैसे, बच्चा चोरों की एक अफवाह पर 500 से ज्यादा लोगों ने 6 लोगों पर हमला कर दिया। जिसके हाथ जो लगा, उससे इन्हें मारा-पीटा गया। वे भीड़ के आगे पहले हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाते रहे। अपनी सच्चाई बताने की कोशिश करते रहे...और फिर जब, जान बचने की आस छूटते दिखी, तब भीड़ से जूझ पड़े। लेकिन इतने लोगों से बच पाना नामुमकिन था। किसी ने लाठियों से उन्हें पीटा..तो किसी ने पत्थर बरसाए। किसी ने भारी-भरकम पत्थर उठाकर सिर पर दे मारा। Mob Lynching का यह दिल दहलाने वाला मामला धार जिले के आदिवासी बाहुल्य मनावर कस्बे का है। बुधवार को यहां उग्र भीड़ ने बच्चा चोरी के शक में 5 किसानों और उनके ड्राइवर पर कातिलाना हमला कर दिया था। ये लोग उज्जैन जिले के लिंबी पिपलिया गांव के रहने वाले हैं। ये लोग कुछ मजदूरों से अपना एडवांस रुपया लेने आए थे। लेकिन मजदूरों ने पैसा न लौटाना पड़े, इसलिए उन्हें बच्चा चोर कहते हुए हल्ला मचा दिया। इस घटना में भाजपा नेता और सरपंच रमेश जूनापानी के शामिल होने के आरोप लगे हैं। पुलिस ने सरपंच को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में 40 से ज्यादा आरोपी चिह्नित कर लिए गए हैं। 3 अन्य लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है। घायलों से मिलने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने मृत व्यक्ति के परिजनों को 2 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है। वहीं सरकार घायलों का इलाज कराएगी।
Asianet News Hindi | Published : Feb 6, 2020 11:17 AM IST / Updated: Feb 06 2020, 04:51 PM IST
हमले में कार चालक गणेश (38) को बड़वानी रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं जगदीश राधेश्याम शर्मा (45), नरेंद्र सुंदरलाल शर्मा (42), विनोद तुलसीराम मुकाती (43), रवि पिता शंकरलाल पटेल (38), जगदीश पूनमचंद शर्मा की हालत गंभीर है। उन्हें इंदौर के चोइथराम हास्पिटल में भर्ती कराया गया है।
डीजीपी वीके सिंह ने इस मामले में लापरवाही बरतने पर 5 पुलिसवालों, जिसमें टीआई, एसआई और तीन सिपाही शामिल को निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घटना पर सख्त रुख अपनाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए सरकार को घेरा।
यह है पूरा मामला: एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि 2 गाड़ी में 6 लोग मनावर आए थे। इन किसानों ने यहां के कुछ मजदूरों को 50 हजार रुपए एडवांस दिए थे। लेकिन वे बगैर काम किए भाग आए। जब किसानों ने इनसे संपर्क किया, तो उन्होंने तिरला के खिड़कियां गांव में आकर पैसे ले जाने को कहा। जब किसान अपना पैसा लेने पहुंचे, तो मजदूरों ने बच्चा चोर होने की अफवाह फैला दी। देखते ही देखते बोरलाई गांव के हाट बाजार में 500 से ज्यादा की भीड़ ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।
भीड़ से बचने किसान एक मकान में जाकर छुप गए। लेकिन भीड़ ने दरवाजा तोड़कर उन्हें बाहर घसीट लिया। इस घटना का वीडियो सामने आया है। इसमें साफ दिखाई दिया कि घटना के वक्त पुलिसवाले मौजूद थे। लेकिन वे भीड़ के आगे असहाय साबित हुए। पहले उन्होंने किसानों को बचाने की कोशिश की, लेकिन फिर खुद जान बचाकर भागते नजर आए। बाद में गांव में पहुंचे पुलिसबल ने लाठी चार्ज और अश्रुगैस के गोले छोड़कर लोगों को खदेड़ा।
घायल किसान ने बताया कि उन लोगों ने तिरला ब्लॉक के खिरकिया ग्राम के पांच मजदूरों अवतार, जामसिंह, महेश, राजेश व सुनील को 6-7 माह एडवांस के तौर पर हरेक को 50-50 हजार रुपए दिए थे। लेकिन ये लोग उनका काम छोड़कर गुजरात चले गए। बताते हैं कि यहां फसल कटाई से पहले मजदूरों को एडवांस देने की परंपरा है। हालांकि यह आपसी विश्वास का मामला होता है। लेकिन इन मजदूरों की बेईमानी ने इतना बड़ा कांड करा दिया।
पांचों किसान और उनका ड्राइवर बेदम होकर नीचे गिर पड़े। इसके बाद भी लोग उन पर लाठियां बरसाते रहे।
भीड़ इतनी हिंसक हो चुकी थी कि उन्हें पीड़ितों की चीखें तक नहीं सुनाई दे रही थीं।
इस घटना में भाजपा नेता और सरपंच रमेश जूनापानी के शामिल होने के आरोप लगे हैं। पुलिस ने सरपंच को गिरफ्तार कर लिया है।