कॉल सेंटर ने कहा कि ढाई घंटे इंतजार करना होगा
जग्गोबाई को तकलीफ होने पर परिजन उसे पोटली में बैठाकर पहाड़ी से 1800 फीट नीचे इमलीखेड़ा तक लाए। यहां से भोपाल फोन किया, तो जवाब मिला कि एम्बुलेंस ढाई घंटे बाद मिलेगी। इसके बाद गांव के सरपंच साबूलाल ने प्राइवेट वाहन का इंतजाम किया। फिर प्रसूता को घोड़ाडोंगरी अस्पताल के लिए लेकर रवाना हुए। लेकिन उसने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया। इसके बाद परिजन उसी पोटली में लाश लेकर लौट आए।
आगे पढ़ें-जिनके पास खाने को पैसे नहीं, उनसे आप 4000 रुपए मांग रहे... 70 क्या, 700 किमी भी होता, तो ये पैदल घर जाते