ये कौन लोग हैं, जो मानवता के खिलाफ हैं...जो जिंदगी बचाने गए..उन्हीं से नफरत..देखें कुछ तस्वीरें..
इंदौर, मध्य प्रदेश. मध्य प्रदेश के जिस शहर इंदौर को स्वच्छता सर्वे में पहला नंबर मिला था, वो अब कोरोना के डेंजर जोन में शामिल हो गया है। इसके लिए दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के मरकज में शामिल हुए लोगों को दोष माना जा रहा है। देश-विदेश के ये लोग बगैर परमिशन वहां जुटे और फिर पूरे देश में कोई सूचना दिए चले गए। इंदौर में ऐसे ही लोगों को ढूंढने पहुंची पुलिस और हेल्थ की टीम पर पथराव की घटना ने मरकज की नीयत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी तो इसे तालिबानी अपराध करार दे चुके हैं। बता दें कि बुधवार तक अकेले इंदौर में 37 नये केस सामने आए हैं। यानी यहां अब पॉजिटिव संख्या 69 हो गई है। बुधवार को मरकज में शामिल हुए लोगों के टाटपट्टी बाखल इलाके में छुपे होने की सूचना मिली थी। जब स्वास्थ्य विभाग की टीम और पुलिस वहां पहुंची, तो उपद्रवियों ने उन पर पथराव किया। इस घटना की घोर निंदा हो रही है।
पहली तस्वीर इंदौर की है, जहां एक विशेष समुदाय के लोगों ने हेल्थ और पुलिस की टीम पर पथराव किया। इस घटना ने तबलीगी जमाम की नीयत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। टीम को खबर मिली थी कि यहां दिल्ली के मरकज से निकले कुछ लोग छुपे हो सकते हैं। ये पॉजिटिव हो सकते हैं। दूसरी तस्वीर दिल्ली की है, जहां अपनी जान की परवाह न करते हुए पुलिसवाले मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी कर रहे हैं।
यह तस्वीर इंदौर के टाटपट्टी बाखल इलाके की है। यहां के बाशिंदों ने इंसानियत को शर्मिंदा कर दिया। इससे पहले हेल्थ टीम पर थूकने और बुरे बर्ताव की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं।
यह तस्वीर इंदौर की है। उपद्रवी हेल्थ टीम और पुलिस का सहयोग नहीं कर रहे हैं। इसे लेकर देशभर में आलोचना हो रही है।
यह तस्वीर दिल्ली की है, जहां पुलिस कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने हमेशा मुस्तैद है।
यह तस्वीर श्रीनगर की है, जहां सरकारी कर्मचारी लोगों को राशन पहुंचाने की जिम्मेदारी उठा रहे हैं।
निजामुद्दीन के आलमी मरकज में सैनिटाइजेशन के दौरान की तस्वीर।
नई दिल्ली में स्वास्थ्य कर्मचारियों से बात करते मीडियाकर्मी।
यह तस्वीर इंदौर की है, जहां उपद्रवियों ने पूरे समाज को शर्मिंदा कर दिया।
नई दिल्ली में लोगों को खाना मुहैया कराने की जिम्मेदारी भी प्रशासन उठा रहा है।