एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में अनुज ने कहा- आईएमए के 87 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब कैडेट की इस परेड में उनके माता-पिता शामिल नहीं हुए। अनुज ने कहा-मैं एक साल से यही सोच रहा था कि माता-पिता आएंगे और मेरे कंधों पर सितारे लगाएंगे। लेकिन कोरोना वायरस ने सारे सपनों पर पानी फेर दिया जिसकी वजह से मम्मी-पापा और परिवार के लोग यहां नहीं आ पाए। खैर कोई बात नहीं सेना के अफसर और मैडम ने मेरे कंधों पर स्टार लगा दिए। अनुज का कहना है कि पासिंग परेड के बाद 15-20 दिन की छुट्टी दी जाती है, जिससे वह अपने परिवार से मिल सकें। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते सीधे तैनाती दी जा रही है। (अपने माता-पिता के साथ अनुज)