भोपाल, मध्य प्रदेश. कहते हैं कि जहां चाह-वहां राह! ये हैं राजधानी की एक झुग्गी बस्ती में रहने वाले अनमोल अहिरवार। इनका सिलेक्शन आईआईटी कानपुर में हुआ था। हाल में अनमोल ने ऑनलाइन क्लासेस ज्वाइन की है। अनमोल एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जहां खाने-पीने तक के लाले पड़े रहते हैं। जैसे-तैसे घर चलता है, लेकिन 8वीं पास मां-बाप ने अपने बच्चों को पढ़ाने कोई कसर नहीं छोड़ी। आज भी वे छोटी-मोटी दुकान चलाकर बच्चों की पढ़ाई करा रहे हैं। अनमोल जिस झुग्गी में रहते हैं, उसी में पिता चाय की गुमठी चलाते हैं। मां वहीं से पान बेचती हैं। इसी सबके बीच अनमोल ने अपनी पढ़ाई जारी रखी। मां-बाप बमुश्किल 5-6 हजार रुपए कमा पाते हैं। अनमोल का अक्टूबर में ही आईआईटी कानपुर के लिए सिलेक्शन हुआ था। अनमोल ने 10वीं में 87% व 12वीं में 89.2% अंक हासिल किए थे। वे सुभाष एक्सीलेंस स्कूल से पढ़े हैं। उनकी प्रतिभा को देखते हुए इसी स्कूल ने उनके लिए कोचिंग का बंदोबस्त किया था। अनमोल बताते हैं कि वे रोज 8 घंटे पढ़ाई करते थे। बाकी बचे टाइम में मां-बाप के काम में भी मदद कर देते थे। अनमोल के स्कूल के प्रिंसिपल सुधाकर पाराशर कहते हैं कि अनमोल ने स्कूल का नाम रोशन किया है। आगे पढ़ें अनमोल की ही कहानी...