पहली बार सिंधिया के शाही महल में रुकेंगे अमित शाह,चांदी की ट्रेन से परोसा जाता है खाना, पैलेस में बने 400 कमरे

ग्वालियर (मध्य प्रदेश). केंद्रीय मंत्री अमित शाह (amit shah) 16 अक्टूबर को दो दिवसीय मध्य प्रदेश के दौरे पर आ रहे हैं। जहां शाह सबसे पहले रविवार को राजधानी भोपाल में एमबीबीएस की पुस्तकों का विमोचन करेंगे। खासियत है कि यह पुस्तकें हिंदी में होंगी। जहां एमबीबीएस के छात्र हिंदी भाषा में पढ़ाई करेंगे। इसके बाद गृहमंत्री आज शाम ग्वालियर में एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का शिलान्यास करेंगे। वहीं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बुलावे पर अमित शाह ग्वालियर के जयविलास पैलेस भी जाएंगे। यह पहला मौका होगा जब वह सिंधिया राजघराने के इस महल में होंगे। आइए इस मौक पर हम आपको बताने जा रहे हैं सिंधिया के  जयविलास पैलेस की खासियत...जिसमें 400 कमरे हैं तो वहीं 3500 झूमर लगे हैं...

Arvind Raghuwanshi | Published : Oct 16, 2022 7:18 AM IST / Updated: Oct 16 2022, 01:09 PM IST

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पहली बार सिंधिया के शाही महल में रुकेंगे अमित शाह,चांदी की ट्रेन से परोसा जाता है खाना, पैलेस में बने 400 कमरे

ग्वालियर सिंधिया राजघराना देश में ही नहीं पूरी दुनिया में अपने शाही अंदाज के लिए जाना जाता है। यह राजघराना जितना फेमस है उससे कहीं ज्यादा उनका यह शाही महल यानि जयविलास पैलेस है। जो अपनी लग्जरी और यहां की खूबसूरत के लिए पूरी दुनिया में विख्यात है।
यह पूरा महल तकरीबन 40 एकड़ (12 लाख स्क्वायर फीट) में फैला हुआ है। 

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बता दें कि सिंधिया राजघरान के इस महल को मराठा राजा श्रीमंत जयाजी राव सिंधिया ने साल 1874 में बनवाया था। जयविलास पैलेस में 400 कमरे हैं। वहीं 3500 से ज्यादा लाखों रुपए कीमती झूमर लगे हुए हैं। इस राजमहल को फ्रांसीसी आर्किटेक्ट सर माइकल फिलोस ने डिजाइन किया था।

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सिंधिया के इस महल में नीचे डायनिंग हॉल बना है। जहां पूरा परिवार शाही अंदाज में राजसी खाना खाता है।  यहां बड़ी डायनिंग टेबल लगी है, इसके आसपास एक वक्त में 50 से ज्यादा लोग शाही भोजन करते थे। खास बात ये है कि भोजन के दौरान परोसने के लिए किसी कर्मचारी की जरूरत नहीं पड़ती थी।
 

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इस  डायनिंग टेबल पर चांदी की ट्रेन से मेहमानों को खाना परोसा जाता था। ट्रेबल पर ट्रेन के लिए बाकायदा पटरी बनाई गई थी। इस पटरी पर चांदी की ट्रेन चलती थी। ट्रेन के डिब्बों में अलग-अलग लजीज पकवान होते थे। ट्रेन मेहमान के सामने रुक जाती, फिर भोजन लेने के बाद आगे रवाना होती थी।

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बताया जाता है कि जिस वक्त  यह महल बना था उस दौरान इसकी निर्माण की लागत करीब एक करोड़ रुपए थी। आज के समय में अगर इसकी कीमत आकी जाए तो अब इसकी कीमत 4 हजार करोड़ रुपए के आस-पास बताई जाती है। 

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यह इतना आलीशान है कि इसकी खूबसूरती के आगे फाइव स्टार होटल भी कुछ नहीं। हालांकि कमरों में से 40 को म्यूजियम में कन्वर्ट कर दिया गया है। जहां सिंधिया राजघराने का एंटीक सामान रखा हुआ है। जैसे-लग्जरी कारें, शानदार पेंटिंग, उन दौरान के हथियार, शाही बग्घी के अलावा और भी बहुत कुछ मौजूद है।  इस महल की ट्रस्टी ज्योतिरादित्य की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया हैं।

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इस शाही पैलेस में भाजपा नेता और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रियदर्शनी राजे उनका एक बेटा महाआर्यमन  और एक बेटी अनन्या राजे को साथ यहां रहते हैं। सिंधिया राजवंश के अंतिम शासक और ज्योतिरादित्य के दादा जयाजी राव सिंधिया ने जय विलास महल बनवाया था।  पैलेस के जीवाजीराव सिंधिया म्यूजियम वाले हिस्से को साल 1964 में लोगों के लिए खोल दिया गया था।

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