भोपाल, मध्य प्रदेश. कोरोना संक्रमण ने सिर्फ जिंदगी पर ही असर नहीं डाला है, बल्कि धार्मिक-सामाजिक संस्कारों और रीति-रिवाजों के मायने भी बदल दिए हैं। रविवार को अक्षय तृतीया पर भी कोरोना संक्रमण का असर देखा गया। अक्षय तृतीया पर संभवत: ऐसा पहली बार हुआ कि मंडप सूने पड़े रहे, दूल्हा-दुल्हन ने 2-4 लोगों की मौजूदगी में 7 फेरे लिए। ऐसा मजबूरी थी, क्योंकि लॉकडाउन ने सबकुछ बंद कर दिया है। आमतौर पर अक्षय तृतीया पर हजारों शादियां होती रही हैं, लेकिन इस बार यह संख्या बहुत कम रही। जो थोड़ी-बहुत शादियां हुईं, उनमें दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद देने 2-4 लोग ही मौजूद रहे। बाकी लोग वीडियो कॉल पर शादी के गवाह बने। पहली तस्वीर रतलाम की है। यहां लॉकडाउन में अपनी ससुराल में फंसे दूल्हे को एक कमरे में 7 फेरे लेने पड़े। दूसरी तस्वीर महाकाल की नगरी उज्जैन की है। यहां एक दूल्हा अपनी दुल्हन को ब्याहने बाइक से इंदौर पहुंचा। वहां से बाइक पर बैठाकर ही दुल्हन को घर ले आया।