बता दें कि जिन मृतकों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार हुआ। वह सभी 8 लोग सांटा, 2 पवई, 2 सिमरिया, 1 चिखला, 4 मोहंद्रा, 2 कुंवरपुर, 2 कोनी, 1 ककरहटा, 2 उड़ला गांव के रहने वाले थे। जिन्हें अंतिम विदाई देने के लिए 9 गांव के लोग उमड़े थे। आलम यह था इस मातम की वजह से इन 9 गांवों मं कई घरों में चूल्हे तक नहीं जले।