लॉकडाउन के बीच डबल ड्यूटी निभा रहीं यह लेडी कॉप, कर रखा है ऐलान-कोई डरे नहीं, सीधे मुझे कॉल करें

नासिक, महाराष्ट्र. यह हैं नासिक की एसपी डॉ. आरती सिंह। ये MBBS डॉक्टर भी हैं। नक्सलियों से लोहा लेने का मामला हो या अब लॉकडाउन में लोगों की मदद करने का..यह लेडी कॉप लोगों की मदद को हमेशा तैयार रहती हैं। इन्होंने ऐलान कर रखा है कि किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है। लोग उन्हें कभी भी कॉल कर सकते हैं। डॉ. सिंह इस विकट परिस्थिति में डबल ड्यूटी कर रही हैं। वे कानून व्यवस्था तो बखूबी संभाल ही रही हैं, जरूरत पड़ने पर लोगों का हेल्थ चेकअप भी कर लेती हैं। इन्हें अच्छे से मालूम है कि लोगों को स्वास्थ्य के प्रति कैसे जागरूक किया जा सकता है। डॉ. आरती ने अपने स्टाफ को भी बोल रखा है कि कोरोना के लक्षण दिखें, तो घबराएं नहीं। जब भी लगे, सीधे उन्हें कॉल करें। एसपी वॉकी-टॉकी के जरिये लगातार अपने स्टाफ के संपर्क में हैं। वे लोगों के बीच जाकर भी संवाद कर रही हैं। जानिए डॉ. आरती सिंह की कहानी..

Asianet News Hindi | Published : Apr 11, 2020 4:31 AM IST

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लॉकडाउन के बीच डबल ड्यूटी निभा रहीं यह लेडी कॉप, कर रखा है ऐलान-कोई डरे नहीं, सीधे मुझे कॉल करें
डॉ. आरती सिंह मूलत: यूपी के मिर्जापुर की रहने वाली हैं। इन्होंने पहले MBBS करके वाराणसी के सरकारी हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दी थीं। दूसरे प्रयास में ये 2004 में यूपीएससी क्लियर करके IPS बनीं।
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डॉ. आरती लॉक डाउन को प्रभावी बनाने कोई कसर नहीं छोड़ रहीं। बता दें कि महाराष्ट्र में शुक्रवार को कोरोना से मौत का आंकड़ा 100 पार कर चुका है। वहीं, संक्रमितों की संख्या 1574 हो चुकी है।
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डॉ. आरती सिंह ने मीडिया को बताया को बताया था कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर स्त्री रोग विशेषज्ञ से की थी। लेकिन उनका लक्ष्य सिविल सर्विसेस ज्वाइन करना था।
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आईपीएस बनने के बाद डॉ. सिंह की पहली पोस्टिंग नक्सली गढ़ दक्षिण गढ़चिरौली में थी। इसके बाद में 2011 में भंडारा में पोस्टिंग हुई। भंडारा में वे 56 वर्षों में वे पहली महिला पुलिस अधिकारी बनी थीं।
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नक्सल प्रभावित गढ़चिरोली जिले के भामरागढ़ में DSP के रूप में डॉ. आरती सिंह ने उल्लेखनीय कार्य किया था। भंडारा में पोस्टिंग के दौरान डॉ. आरती सिंह ने फरवरी 2013 में एक गांव में हुए तीन नाबालिग बहनों की मौत के रहस्य से पर्दा उठाया था।
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डॉ. आरती सिंह कहती हैं कि पुलिसवालों को भी सॉफ्ट स्किल सीखने की जरूरत है। लोगों से बातचीत करने का तौर-तरीका बदलना होगा। डॉ. सिंह खुद को फिट रखने योगा करती हैं।
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