गढ़चिरौली, महाराष्ट्र. यह तस्वीर भारत के दूरदराज गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की असलियत दिखाती है। देश में आज भी ऐसे तमाम गांव हैं, जहां अस्पताल नहीं है। ऐसी स्थिति में लोगों को इलाज कराने मीलों पैदल चलकर दूसरी जगह अस्पतालों में जाना पड़ता है। गर्भवती महिलाओं को भी भगवान भरोसे बच्चे को जन्म देना पड़ता है। यह मामला गढ़चिरौली के भामरागढ़ तहसील इलाके का है। इस गर्भवती को जब प्रसव पीड़ा हुई, तो वो एक आशा कर्मी के साथ पैदल ही अस्पताल के लिए निकल पड़ी। इस दौरान उसे 28 किमी का सफर करना पड़ा। रास्ते में बरसाती नदी थी। खतरों से भरा जंगल था और ऊबड़-खाबड़ रास्ता। यही नहीं, बच्ची के जन्म के बाद वो उसे गोद में लेकर पैदल ही गांव लौटी। पढ़िए इस महिला की बाकी की कहानी...