जब तक ऐसे जाबांज हैं, देश का सर हमेशा ऊंचा रहेगा..मातृभूमि पर अपने प्राण न्यौछावर कर गया यह जवान

सोलापुर, महाराष्ट्र. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में CRPF का एक जवान शहीद हो गया। इस दौरान सुरक्षाबलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद से आतंकवाद की जड़ें हिल उठी हैं। घाटी में आतंकवाद अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है। आर्मी को फ्री हैंड मिलने के बाद से हर दूसरे-तीसरे दिन 2-3 आतंकवादी मारे जा रहे हैं। इससे पहले रविवार को श्रीनगर में सर्च ऑपरेशन के दौरान 3 आतंकवादियों को मार गिराया गया। जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि करीब साढ़े 5 महीनों के दौरान 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए हैं। इनमें 50 से अधिक हिजबुल मुजाहिदीन, करीब 20 लश्कर-ए-तैयबा और 20 जैश-ए-मोहम्मद और बाकी के छोटे आतंकवादी संगठनों से जुड़े थे। आतंकवादी संगठनों की नई भर्ती में कमी आई है। इस बीच मंगलवार की सुबह करीब 4.30 बजे जवान सुनील काले शहीद हो गए। वे कोल्हापुर के पनगांव के रहने वाले थे। 
 

Asianet News Hindi | Published : Jun 23, 2020 7:44 AM IST / Updated: Jun 23 2020, 01:16 PM IST

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जब तक ऐसे जाबांज हैं, देश का सर हमेशा ऊंचा रहेगा..मातृभूमि पर अपने प्राण न्यौछावर कर गया यह जवान

शहीद सुनील काले को कुछ दिन पहले ही हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नत किया गया था। वे 17 साल से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में थे। सुनील जनवरी में अपने गांव आए थे। इसी महीने फिर आने वाले थे। वे अपने गांव के विकास के लिए योजना बना रहे थे। आगे देखिए तस्वीरों में किस तरह भारतीय जवान आतंकवाद का खात्मा करने में लगे हैं...

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दो दिन पहले इस घर में छुपे आतंकवादयों को मार गिराया गया था।

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यह तस्वीर अगस्त, 2017 की है, जब पुलवामा में लश्करे तैयबा के एक आतंकवादी को मार गिराने एक मकान को सेना ने ऐसे विस्फोट से उड़ा दिया था।

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यह तस्वीर 18 फरवरी, 2019 की है। पुलवामा जिले में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान का दृश्य।

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यह तस्वीर 28 मार्च, 2017 की है, जब कश्मीर से करीब 20 दूर चदूरा में आतंकवादियों को मार गिराने भारतीय सेना ने ऐसे एक घर को बारूद से उड़ा दिया था। इनसेट में तस्वीर उस घर की है, जहां दो दिन पहले तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया था।

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यह तस्वीर 19 जून की है। इस खबर में हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकी छुपे हुए थे। एनकाउंटर में दोनों मारे गए।

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यह तस्वीर 22 जून, 2018 की है, जब 4 आतंवादियों का मार गिराने जाने के बाद भारत विरोधी ताकतों ने सेना पर पथराव किया था। लेकिन जिस तरह से सेना ने आतंकवाद की जड़े उखाड़ी हैं, उससे उनके समर्थकों का दुस्साहस जवाब देने लगा है।
 

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