10 नवजात जिंदा जले: बच्चे जलते रहे और मां बिलखती रहीं, पलभर में उजड़ गईं कोख..कई गांव में पसरा मातम

भंडारा (महाराष्ट्र). मां अपने बच्चे को जन्म देने के लिए सारे दुख सहकर 9 महीनों तक उसे अपनी कोख में रखती है। लेकिन जन्म के बाद नवजात की मौत हो जाए तो सोचो उस मां के दिल पर क्या बीतेगी, जिसका उसने चेहरा तक नहीं देखा हो। ऐसा ही दिल दहला देने वाला हादसा शनिवार को महाराष्ट्र के भंडारा में जिला अस्तपाल में हुआ जहां 10 नवजातों की मौत हो गई। जिसमें इनकी उम्र एक दिन से लेकर 3 महीने तक थी। बताया जाता है कि बच्चों के बार्ड में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। तो वहीं कुछ लोग प्रशासन की लापरवाही बता रहे हैं। खैर जो भी हुआ हो, लेकिन इन दस माओं की कोख उजाड़ने का कोई तो जिम्मेदार होगा। जो मासूमों को याद कर बिलख रही हैं। इनका दुख देखकर कई लोगों की आंखों से आंसू छलक पड़े। आग इतनी भयानक थी कि मासूम यूनिट में सामने जलते रहे और महिलाएं चीखती-चिल्लाती रहीं।

Asianet News Hindi | Published : Jan 9, 2021 4:14 PM IST / Updated: Jan 09 2021, 09:59 PM IST
16
10 नवजात जिंदा जले: बच्चे जलते रहे और मां बिलखती रहीं, पलभर में उजड़ गईं कोख..कई गांव में पसरा मातम

इस दर्दनाक हादसे की वजह से जिले के करीब 10 गांवों में अब मातम पसरा हुआ है। इनके घर चूल्हे नहीं जल रहे हैं, अपनी संतान खो देने के बाद परिजन सिर्फ चीख रहे हैं। जिन मांओं का बच्चा चला गया, उनका दर्द बयां करने के लिए शब्द तक नहीं हैं। आखिर किस मन से उन्हें कोई दिलासा दे कि 9 महीनों की तुम्हारी कोख 9 मिनट में उजड़ गई।

26


सबसे दुख कहानी भंडारा जिले के श्रीनगर गांव में रहने वाली प्रसूता योगिता धूड़से की है जिसने हादसे से करीब 9 धंटे पहले ही शुक्रवार दोपहर को एक बेटे को जन्म दिया था। लेकिन उसका वजह कम था इसलिए फौरन डॉक्टरों ने उसे अस्पताल के सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट में भर्ती कर दिया।  योगिता अपने बच्चे को ठीक से निहार भी नहीं पाई थी और इतना बड़ा हादसा हो गया कि उसका जिगर का टुकड़ा दुनिया को अलविदा कह गया। वह चीख-चीखकर मातम मना रही है, साथ ही बार-बार यही कह रही है कि मुझसे बड़ी अभागी और कोई मां नहीं होगी जो अपनी संतान का चेहरा तक नहीं देख पाई।
 

36


वहीं योगिता का पति विकेश शिवदास धूड़से बेटे होने की खुशी में झूम रहा था। वह अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को बेटा होने खी खबर फोन पर कहे जा रहा था कि अब उसका परिवार पूरा हो गया। क्योंकि  4 साल की बेटी के आने के बाद यह खुशी आई थी। उसने अस्पताल की नर्सों को खुशी-खुशी  मिठाइयां बांटी, लेकिन उसकी खुशी कुछ ही घंटे में मातम में बदल गई। अब उसकी आंखों से आंसुओं की धारा बह रही है। विकेश का कह रहा है कि कुछ लोगों की लापरवाही के चलते हमारा बेटा इस संसार से चला गया। जो अब वह कभी लौट कर नहीं आएगा।

46


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भंडारा में हुए हादसे पर दुख जताया है। राष्ट्रपति ने कहा  कि महाराष्ट्र के भंडारा में हुए अग्नि हादसे में शिशुओं की असामयिक मृत्यु से मुझे गहरा दुख हुआ है। इस ह्रदय विदारक घटना में अपनी संतानों को खोने वाले परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। वहीं  PM मोदी ने इसे दिल दहला देने वाली त्रासदी बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि हमने बहुत कीमती नई जिंदगियां खो दीं। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। 


 

56

पूरे हॉस्पिटल को पुलिस ने बंद करवा दिया है। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा, यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। दम घुटने वाले बच्चों को पोस्टमॉर्टम नहीं किया जाएगा। घटना के पीछे की वजह का पता लगाकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना की तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। 

66

बताया जाता है कि नाजुक हालत में इस वॉर्ड में करीब 17 बच्चों को रखा गया था। जिनमें से 7 की जान बचा ली गई। जब यहां आग लगी तो सबसे पहले एक नर्स ने धुआं निकलते देखा। उन्होंने तुरंत अस्पताल के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। जिन 10 परिवारों ने अपने नवजात बच्चों को खो दिया है उनका रो-रोकर बुरा हाल है। इस हादसे पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर कौन इसका जिम्मेदार है।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos